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पितृ वैर योगाः ।। Father revenge Yoga. Astro Classes.




।। पिता से जातक के वैर होने के कुछ योग ।।
लग्नेशे भाग्यराशिस्थे षष्ठेशे भाग्यराशिगे ।।

अन्योन्यवैरं ब्रुवते जनकः कुत्सितो भवेत् ।।११।।







अर्थ:- लग्नेश भाग्य भाव में हो और षष्ठेश भी भाग्यभाव में ही हो तो पिता-पुत्र में परस्पर वैर होता है तथा (अधिकांशतः देखा गया है) पिता निन्दनीय भी होता है ।।



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।।। नारायण नारायण ।।।

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