हैल्लो फ्रेंड्सzzzzz.
एक्टर, हीरो, संगीतकार, अथवा किसी भी कला में सम्पूर्ण रूप से सफल हो सकते हैं, अगर आपकी कुण्डली में ये योग हो ।। Astro Classes, Silvassa.
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मित्रों, गुरु एक ऐसा ग्रह है, जिसके बिना लगभग किसी भी प्रकार का राजयोग भी सम्भव नहीं होता । लगभग सभी प्रकार के राजयोगों में किसी न किसी प्रकार से गुरु का सम्बन्ध रहता ही है, तभी राजयोग सम्भव होता है ।।
चलिए कोई बात नहीं, आइये आज एक जबरदस्त राजयोग का टिप्स बताते हैं । अर्थात् एक राजयोग के विषय में बताते हैं, की राजयोग कैसे बनता है ।।
कलानिधि योग:- जन्म कुण्डली में यदि द्वितीय अथवा पंचम भाव में गुरू के साथ बुध या शुक्र की युति हो तो पर कलानिधि योग बनता है । अथवा गुरू यदि द्वितीय अथवा पंचम में हो और शुक्र या बुध उसे देख रहे हों तब भी कलानिधि योग का निर्माण होता है ।।
यह योग राजयोग की श्रेणी में आता है, अर्थात यह योग सम्पूर्ण रूप से राजयोग ही है । अन्तर मात्र इतना ही होता है, कि जिस व्यक्ति की कुण्डली में यह योग बनता है वह लगभग सभी कलाओं में निपुण होता है । तथा अपनी योग्यता से धन-दौलत सबकुछ अर्जित करता है । वाहन सुख तथा समाज में इन्हें प्रतिष्ठा भी अपने कला के वजह से ही मिलती है ।।
अगर ऐसे व्यक्ति राजनीति में आ जाएँ तो ये वहाँ भी सम्पूर्ण रूप से सफल हो जाते हैं । प्रमाण के तौर पर आप किसी भी अभिनेता अथवा अभिनेत्रियों को देख सकते हैं ।।
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संपर्क करें:- बालाजी ज्योतिष केंद्र, गायत्री मंदिर के बाजु में, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा ।।
WhatsAap+ Viber+Tango & Call: +91 - 8690522111.
E-Mail :: astroclassess@gmail.com
Website :: www.astroclasses.com
www.astroclassess.blogspot.in
www.facebook.com/astroclassess
।।। नारायण नारायण ।।।
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कलानिधि योग:- जन्म कुण्डली में यदि द्वितीय अथवा पंचम भाव में गुरू के साथ बुध या शुक्र की युति हो तो पर कलानिधि योग बनता है । अथवा गुरू यदि द्वितीय अथवा पंचम में हो और शुक्र या बुध उसे देख रहे हों तब भी कलानिधि योग का निर्माण होता है ।।
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