घर में लक्ष्मी के आने के लिए कुछ रास्ते बनाने होते हैं, वो वास्तु के कुछ साधारण से उपाय से बनते हैं । तो आइये आज हम कुछ ऐसे वास्तु टिप्स बताते हैं, जिसे अपनाने से लक्ष्मी आपके घर का रास्ता नहीं भूलेगी ।।
हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,
मित्रों, वास्तु शास्त्र एक ऐसी विद्या है, जो हमें हर प्रकार के सुख देने में समर्थ है । इसके लिए हमें कोई एक्स्ट्रा खर्च भी करने नहीं होते । हमें जो जैसे अपने मन से अच्छा लगता है, हम उसे वहां सजा देते हैं । परन्तु हम उन्हीं सजावट की वस्तुओं को अगर दिशाओं के अनुकूल जिसे वास्तु शास्त्र कहते हैं, उसके अनुसार सजाएँ तो हमारी व्यवस्था सुव्यवस्थित तो होगी ही, साथ-ही-साथ वो हमें सुख देनेवाली भी होगी ।।
वास्तु के अनुसार केवल ईशान कोण (उत्तर + पूर्व), पर बना शौचालय ही हानिकारक नहीं होते । अपितु घर के आग्नेय कोण में भी बना शौचालय सोंच से परे हानिकारक होता है । मित्रों मेरा तो मानना ये है, कि इन्हीं दिशाओं का शौचालय ही नहीं बल्कि उचित स्थान में बना हुआ शौचालय भी अगर व्यवस्थित नही होगा तो वो भी उतना ही दोष पूर्ण होगा । व्यवस्था अर्थात उसके अन्दर की नकारात्मक उर्जा को बाहर निकलने की व्यवस्था ।।
मित्रों, प्रकृति से सकारात्मकता प्राप्त करने के सबसे बड़े साधन पेड़-पौधे होते हैं । हमारे अन्य शास्त्रों को भी प्रमाण के लिए देखें तो सकारात्मक उर्जा के सबसे बड़े स्रोत पेड़-पौधे ही माने गये हैं । इसलिए घर में जहाँ पर भी शौचालय हो उसके दीवाल के पास बाहर की ओर पेड़-पौधों के गमले लगायें । पेड़-पौधे न केवल सकारात्मक उर्जा को सक्रिय करते हैं बल्कि नकारात्मक उर्जा को अवशोषित भी करते हैं ।।
दूसरा एक और उपाय बताता हूँ, जो आपके घर शौचालय से आनेवाली नकारात्मक उर्जा को रोकता है । आप अपने घर के शौचालय के अंदर एक काँच के कटोरे में नमक रखें और नमक जब गिला हो जाये तो उसे बदल दें । शौचालय में जो नकारात्मक उर्जा का संग्रह होता है उसे हवा को बाहर फेंकने वाले पंखे की मदद से उसे घर से बाहर निकालें । शौचालय जो साफ-सुथरे नहीं होते हैं, वो भी दोष पूर्ण माने जाते हैं ।।
मित्रों, मेरा निजी अनुभव मैं आपलोगों को बताता हूँ, क्योंकि मैं भी आज के इसी माहौल में फ़्लैट में रहता हूँ । शौचालय आप कितना भी स्वच्छ रखने का प्रयत्न करो, गन्दा हो ही जाता है । इसलिए मेरा मानना है, कि अगर शौचालय की पूरी दीवाल में टाईल्स लगायें तो ये अच्छा ही हैं । पूरी दीवाल में टाईल्स लगाने से शौचालय को साफ सुथरा रखने में बड़ी मदद मिलती है ।।
शौचालय के द्वार को सदैव बंद रखें इससे आपके शौचालय की नकारात्मक उर्जा का प्रवाह घर में अन्दर की ओर नहीं होगा । शौचालय की नकारात्मक उर्जा से किचन को दूर रखने के लिए ही किचन को शौचालय से दूर बनाने का विधान है । शौचालय की टाईल्स यदि टूट गयी है तो उसे भी तुरंत ठीक कराना चाहिए क्योंकि टूटी हुयी टाईल्स में शौचालय की गंदगी जमा हो जाती है । इसलिए शौचालय की नकारात्मक उर्जा से बचने के लिए शौचालय को नियमित रूप से साफ करना समझदारी का विषय होगा ।।
मित्रों, बिलकुल साधारण और छोटे-छोटे इन उपायों से आपके घर की नकारात्मकता दूर होगी और स्वच्छता ही लक्ष्मी को आमन्त्रित करती है । आपके घर की बीमारी, परेशानी और समृद्धि बढ़ेगी । शास्त्र आपकी सहायता के लिए हैं, न की आपको भ्रमित करने के लिए ।।
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वास्तु विजिटिंग के लिए तथा अपनी कुण्डली दिखाकर उचित सलाह लेने एवं किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति हेतु संपर्क करें ।।
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किसी भी तरह के पूजा-पाठ, विधी-विधान, ग्रह शान्ति आदि के लिए तथा बड़े से बड़े अनुष्ठान हेतु योग्य एवं विद्वान् ब्राह्मण हमारे यहाँ उपलब्ध हैं ।।
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संपर्क करें:- बालाजी ज्योतिष केंद्र, गायत्री मंदिर के बाजु में, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा ।।
Contact to Mob :: +91 - 8690522111.
E-Mail :: astroclassess@gmail.com
Website :: www.astroclasses.com
www.astroclassess.blogspot.com
www.facebook.com/astroclassess
।।। नारायण नारायण ।।।
मित्रों, वास्तु शास्त्र एक ऐसी विद्या है, जो हमें हर प्रकार के सुख देने में समर्थ है । इसके लिए हमें कोई एक्स्ट्रा खर्च भी करने नहीं होते । हमें जो जैसे अपने मन से अच्छा लगता है, हम उसे वहां सजा देते हैं । परन्तु हम उन्हीं सजावट की वस्तुओं को अगर दिशाओं के अनुकूल जिसे वास्तु शास्त्र कहते हैं, उसके अनुसार सजाएँ तो हमारी व्यवस्था सुव्यवस्थित तो होगी ही, साथ-ही-साथ वो हमें सुख देनेवाली भी होगी ।।
वास्तु के अनुसार केवल ईशान कोण (उत्तर + पूर्व), पर बना शौचालय ही हानिकारक नहीं होते । अपितु घर के आग्नेय कोण में भी बना शौचालय सोंच से परे हानिकारक होता है । मित्रों मेरा तो मानना ये है, कि इन्हीं दिशाओं का शौचालय ही नहीं बल्कि उचित स्थान में बना हुआ शौचालय भी अगर व्यवस्थित नही होगा तो वो भी उतना ही दोष पूर्ण होगा । व्यवस्था अर्थात उसके अन्दर की नकारात्मक उर्जा को बाहर निकलने की व्यवस्था ।।
मित्रों, प्रकृति से सकारात्मकता प्राप्त करने के सबसे बड़े साधन पेड़-पौधे होते हैं । हमारे अन्य शास्त्रों को भी प्रमाण के लिए देखें तो सकारात्मक उर्जा के सबसे बड़े स्रोत पेड़-पौधे ही माने गये हैं । इसलिए घर में जहाँ पर भी शौचालय हो उसके दीवाल के पास बाहर की ओर पेड़-पौधों के गमले लगायें । पेड़-पौधे न केवल सकारात्मक उर्जा को सक्रिय करते हैं बल्कि नकारात्मक उर्जा को अवशोषित भी करते हैं ।।
दूसरा एक और उपाय बताता हूँ, जो आपके घर शौचालय से आनेवाली नकारात्मक उर्जा को रोकता है । आप अपने घर के शौचालय के अंदर एक काँच के कटोरे में नमक रखें और नमक जब गिला हो जाये तो उसे बदल दें । शौचालय में जो नकारात्मक उर्जा का संग्रह होता है उसे हवा को बाहर फेंकने वाले पंखे की मदद से उसे घर से बाहर निकालें । शौचालय जो साफ-सुथरे नहीं होते हैं, वो भी दोष पूर्ण माने जाते हैं ।।
मित्रों, मेरा निजी अनुभव मैं आपलोगों को बताता हूँ, क्योंकि मैं भी आज के इसी माहौल में फ़्लैट में रहता हूँ । शौचालय आप कितना भी स्वच्छ रखने का प्रयत्न करो, गन्दा हो ही जाता है । इसलिए मेरा मानना है, कि अगर शौचालय की पूरी दीवाल में टाईल्स लगायें तो ये अच्छा ही हैं । पूरी दीवाल में टाईल्स लगाने से शौचालय को साफ सुथरा रखने में बड़ी मदद मिलती है ।।
शौचालय के द्वार को सदैव बंद रखें इससे आपके शौचालय की नकारात्मक उर्जा का प्रवाह घर में अन्दर की ओर नहीं होगा । शौचालय की नकारात्मक उर्जा से किचन को दूर रखने के लिए ही किचन को शौचालय से दूर बनाने का विधान है । शौचालय की टाईल्स यदि टूट गयी है तो उसे भी तुरंत ठीक कराना चाहिए क्योंकि टूटी हुयी टाईल्स में शौचालय की गंदगी जमा हो जाती है । इसलिए शौचालय की नकारात्मक उर्जा से बचने के लिए शौचालय को नियमित रूप से साफ करना समझदारी का विषय होगा ।।
मित्रों, बिलकुल साधारण और छोटे-छोटे इन उपायों से आपके घर की नकारात्मकता दूर होगी और स्वच्छता ही लक्ष्मी को आमन्त्रित करती है । आपके घर की बीमारी, परेशानी और समृद्धि बढ़ेगी । शास्त्र आपकी सहायता के लिए हैं, न की आपको भ्रमित करने के लिए ।।
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।।। नारायण नारायण ।।।
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