हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz, Astro Classes, Silvassa.
मित्रों, आइये आज फिर से मैं आपलोगों को कुछ विशिष्ट राजयोगों की ओर लेकर चलूँ, जिसके वजह से एक साधारण व्यक्ति एक सफल राजनेता बन जाता है ।।
"दामिनी योग" मित्रों, जब सारे-के-सारे ग्रह सिर्फ छः राशियों में ही हों तो "दामिनी योग" बनता है । इस योग में जन्म लेनेवाला जातक अपने जीवन के हर क्षेत्र में लगभग सफल होता है तथा राजनीति में आते ही सफल हो जाता है ।।
"कुसुम योग" जब किसी की कुण्डली में कोई स्थिर लग्न (2, 5, 8, 11) की राशि बैठी हो, शुक्र केंद्र (1, 4, 7, 10) में हो, चन्द्रमा किसी त्रिकोण (5, 9) में शुभ ग्रहों के साथ हो तथा शनि दशम भाव में हो तो "कुसुम योग" का निर्माण होता है । इस योग में जन्मा जातक अपने जीवन में सर्वोच्य पदों तक आसानी से पहुँच जाता है, जैसे राज्यपाल, मंत्री, एम.एल.ए. या गवर्नर आदि-आदि ।।
"काहल योग" मित्रों, जिस कुण्डली का लग्नेश पूर्ण बलवान हो अथवा चतुर्थेश तथा गुरु परस्पर किसी केन्द्र में बैठे हों तथा उच्च या स्वगृही हों तो "काहल योग" बनता है । ये योग जातक को सरकारी क्षेत्र में लेकर जाता है और सेवा का अवसर जीवन में प्रदान करता है । जिस जातक की कुण्डली में यह योग हो वह राजनीति में अच्छी सफलता प्राप्त कर राजदूत आदि भी बनता है ।।
"महाराजा योग" अगर किसी कुण्डली में ग्रहों की ऐसी स्थिति हो जब लग्नेश पञ्चम भाव में एवं पंचमेश लग्न भाव में बैठे हों अर्थात् भाव परिवर्तन करके बैठे हों तो "महाराजा योग" बनता है । इसका अभिप्राय तो आप इसके नाम से ही समझ गए होंगे । फिर भी बता देता हूँ, कि इस योग में जन्मा जातक मुख्यमंत्री या राज्यपाल तो बनता ही है ।।
"श्रीनाथ योग" सज्जनों जब किसी की कुण्डली में ऐसी स्थिति दिखे, कि जब सप्तमेश, दशम भाव में उच्च का हो तथा दशमेश व नवमेश की युति हो तो "श्रीनाथ योग" बनता है । ध्यान देने वाली बात यह है, कि ये योग केवल धनु लग्न में ही बनता है । धनु लग्न में ही सप्तमेश बुध होता है और दशम भाव में जब वो बैठता है, कन्या राशि में तब वो उच्च स्वगृही होता है । इसके साथ ही अगर नवमेश सूर्य की युति भी हो तो यह योग वहाँ बन जाता है ।।
जैसा की नाम से ही स्पष्ट है, कि ऐसा जातक श्री से संपन्न, सफलता जैसे इसके आजू-बाजू घुमती हो, ऐसा होता है । वैसे ऐसा जातक अगर कोई बिजनेश करे तो सर्वोत्तम श्रेणी का व्यापारी होता है । इसके आगे-पीछे सैकडों की भीड़ सदैव रहती है । परन्तु ऐसा जातक इतना महत्वकांक्षी होता है, कि यह पी.एम., मंत्री, एम.एल.ए. आदि के पदों को भी तुच्छ समझता है और इसमें सफल भी होता है ।।
इस प्रकार के अभी बहुत से ऐसे योग हैं, जिनमें जन्म लेनेवाला जातक सफल राजनेता बनता है । तो आप हमारे पेज को लाइक करें इस प्रकार के महत्वपूर्ण टिप्स जानने के लिए । तथा ये लेख आपको कैसा लगा ये बात आप कमेन्ट करके अवश्य बतायें ।।
चतुर्थ भाव से जानने लायक कुछ महत्वपूर्ण एवं गम्भीर जानकारी की बातें । जैसे आपका अपना घर कब होगा, आपके जीवन में सुख कितना होगा, आपके पास अपना खुद का वाहन कब और कितना बड़ा होगा जानिए इस विडियो टुटोरियल में - https://youtu.be/XkKcBqRNqwE
मित्रों, आइये आज फिर से मैं आपलोगों को कुछ विशिष्ट राजयोगों की ओर लेकर चलूँ, जिसके वजह से एक साधारण व्यक्ति एक सफल राजनेता बन जाता है ।।
"दामिनी योग" मित्रों, जब सारे-के-सारे ग्रह सिर्फ छः राशियों में ही हों तो "दामिनी योग" बनता है । इस योग में जन्म लेनेवाला जातक अपने जीवन के हर क्षेत्र में लगभग सफल होता है तथा राजनीति में आते ही सफल हो जाता है ।।
"कुसुम योग" जब किसी की कुण्डली में कोई स्थिर लग्न (2, 5, 8, 11) की राशि बैठी हो, शुक्र केंद्र (1, 4, 7, 10) में हो, चन्द्रमा किसी त्रिकोण (5, 9) में शुभ ग्रहों के साथ हो तथा शनि दशम भाव में हो तो "कुसुम योग" का निर्माण होता है । इस योग में जन्मा जातक अपने जीवन में सर्वोच्य पदों तक आसानी से पहुँच जाता है, जैसे राज्यपाल, मंत्री, एम.एल.ए. या गवर्नर आदि-आदि ।।
"काहल योग" मित्रों, जिस कुण्डली का लग्नेश पूर्ण बलवान हो अथवा चतुर्थेश तथा गुरु परस्पर किसी केन्द्र में बैठे हों तथा उच्च या स्वगृही हों तो "काहल योग" बनता है । ये योग जातक को सरकारी क्षेत्र में लेकर जाता है और सेवा का अवसर जीवन में प्रदान करता है । जिस जातक की कुण्डली में यह योग हो वह राजनीति में अच्छी सफलता प्राप्त कर राजदूत आदि भी बनता है ।।
"महाराजा योग" अगर किसी कुण्डली में ग्रहों की ऐसी स्थिति हो जब लग्नेश पञ्चम भाव में एवं पंचमेश लग्न भाव में बैठे हों अर्थात् भाव परिवर्तन करके बैठे हों तो "महाराजा योग" बनता है । इसका अभिप्राय तो आप इसके नाम से ही समझ गए होंगे । फिर भी बता देता हूँ, कि इस योग में जन्मा जातक मुख्यमंत्री या राज्यपाल तो बनता ही है ।।
"श्रीनाथ योग" सज्जनों जब किसी की कुण्डली में ऐसी स्थिति दिखे, कि जब सप्तमेश, दशम भाव में उच्च का हो तथा दशमेश व नवमेश की युति हो तो "श्रीनाथ योग" बनता है । ध्यान देने वाली बात यह है, कि ये योग केवल धनु लग्न में ही बनता है । धनु लग्न में ही सप्तमेश बुध होता है और दशम भाव में जब वो बैठता है, कन्या राशि में तब वो उच्च स्वगृही होता है । इसके साथ ही अगर नवमेश सूर्य की युति भी हो तो यह योग वहाँ बन जाता है ।।
जैसा की नाम से ही स्पष्ट है, कि ऐसा जातक श्री से संपन्न, सफलता जैसे इसके आजू-बाजू घुमती हो, ऐसा होता है । वैसे ऐसा जातक अगर कोई बिजनेश करे तो सर्वोत्तम श्रेणी का व्यापारी होता है । इसके आगे-पीछे सैकडों की भीड़ सदैव रहती है । परन्तु ऐसा जातक इतना महत्वकांक्षी होता है, कि यह पी.एम., मंत्री, एम.एल.ए. आदि के पदों को भी तुच्छ समझता है और इसमें सफल भी होता है ।।
इस प्रकार के अभी बहुत से ऐसे योग हैं, जिनमें जन्म लेनेवाला जातक सफल राजनेता बनता है । तो आप हमारे पेज को लाइक करें इस प्रकार के महत्वपूर्ण टिप्स जानने के लिए । तथा ये लेख आपको कैसा लगा ये बात आप कमेन्ट करके अवश्य बतायें ।।
चतुर्थ भाव से जानने लायक कुछ महत्वपूर्ण एवं गम्भीर जानकारी की बातें । जैसे आपका अपना घर कब होगा, आपके जीवन में सुख कितना होगा, आपके पास अपना खुद का वाहन कब और कितना बड़ा होगा जानिए इस विडियो टुटोरियल में - https://youtu.be/XkKcBqRNqwE
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