Header Ads Widget

गायत्री मन्त्र से ग्रहों द्वारा प्रदत्त रोगों के सरल इलाज एवं ग्रह शान्ति ।। Simple treatment of diseases for Gayatri Mantra.

हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,


मित्रों, "गायत्री मन्त्र" वेद का सर्वोच्च मन्त्र है । सर्वाधिक शक्तिमान एवं सर्व शक्तियों का दाता है ये मन्त्र । इस मन्त्र के माध्यम से क्रूर से क्रूर ग्रहों के दोष से होनेवाले रोगादि से शान्ति मिलती है ।।

सटीक संकल्प के साथ इस मन्त्र से शमी के लकड़ी से तथा गूलर-पाकर-पीपर-बरगद आदि की समिधा के साथ "गायत्री-मन्त्र" से १०८ आहुतियाँ देने से शान्ति मिलती है ।।

मित्रों, प्राण-संकट में कण्ठ-भर या जाँघ-भर जल में खड़े होकर नित्य १०८ बार गायत्री मन्त्र जपने से प्राण-रक्षा होती है । घर के आँगन में चतुस्र यन्त्र बनाकर १ हजार बार गायत्री मन्त्र का जप कर यन्त्र के बीचो-बीच भूमि में शूल गाड़ने से भूत-पिशाच से रक्षा होती है ।।

शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे गायत्री मन्त्र का जप करने से सभी प्रकार की ग्रह-बाधा से रक्षा होती है । ‘‘गुरुच’’ के छोटे-छोटे टुकड़े कर गो-दुग्ध में डुबोकर नित्य १०८ बार ‘‘महा मृत्युंजय मन्त्र’’ से हवन करने से ‘‘मृत्यु-योग’’ तक का निवारण हो जाता है ।।

मित्रों, आम के पत्तों को गो-दुग्ध में डुबोकर "गायत्री मन्त्र से हवन" करने से किसी भी प्रकार के ज्वर में अकल्पनीय लाभ होता है । "मीठा वच" गो-दुग्ध में मिलाकर हवन करने से "राज-रोग" नष्ट होता है ।।

शंख-पुष्पी के पुष्पों से हवन करने से कुष्ठ-रोग का निवारण होता है । गूलर की लकड़ी और फल से नित्य १०८ बार हवन करने से "उन्माद-रोग" का निवारण होता है ।।

मित्रों, गन्ने के रस में मधु मिलाकर हवन करने से "मधुमेह-रोग" में लाभ होता है । गाय के दही, दूध व घी से हवन करने से "बवासीर-रोग" में काफी लाभ होता है ।।

बेंत की लकड़ी से हवन करने से विद्युत्पात और राष्ट्र-विप्लव की बाधाएँ दुर होती हैं । कुछ दिन नित्य १०८ बार गायत्री मन्त्र जपने के बाद जिस तरफ मिट्टी का ढेला फेंका जाएगा, उस तरफ से शत्रु, वायु, अग्नि-दोष आदि दूर हो जाता है ।।

मित्रों, दुःखी होकर, आर्त्त भाव से मन्त्र का जप कर कुशा पर फूँक मार कर शरीर का स्पर्श करने से सभी प्रकार के रोग, विष, भूतादि का भय सदा के लिये नष्ट हो जाते हैं ।।

एक माला "गायत्री मन्त्र" का जप कर जल का फूँक लगाने से भूतादि दोष सदा के लिये दूर हो जाता है । "गायत्री मन्त्र" का जप करते हुए फूल का हवन करने से सर्व-सुख-प्राप्ति होती है ।।

मित्रों, लाल कमल या चमेली फुल या फिर शालि के चावल से हवन करने से अतुलनीय लक्ष्मी की प्राप्ति होती है । बिल्व पुष्प, फल, घी, खीर की हवन-सामग्री बनाकर बेलगुदी से अथवा बिल्व की लकड़ी से हवन करने से भी लक्ष्मी-प्राप्ति होती है ।।

शमी की लकड़ी में गो-घृत, जौ, गो-दुग्ध मिलाकर १०८ बार एक सप्ताह तक हवन करने से अकाल-मृत्यु का योग दूर होता है । दूध-मधु-गाय के घी से ७ दिन तक १०८ बार हवन करने से अकाल-मृत्यु का भय सदा के लिये दूर हो जाता है ।।

बरगद की समिधा में बरगद की हरी टहनी पर गो-घृत, गो-दुग्ध से बनी खीर रखकर ७ दिन तक १०८ बार हवन करने से अकाल-मृत्युका भय सदा के लिये दूर हो जाता है ।।

मित्रों, दिन-रात का अखण्ड उपवास करते हुए "गायत्री मन्त्र" जप से यम पाश से मुक्ति मिलती है । मदार की लकड़ी में मदार का कोमल पत्र व गो-घृत मिलाकर हवन करने से विजय की प्राप्ति होती है ।।

अपामार्ग की लकड़ी को गाय के घी में डुबोकर हवन करने से दमा रोग का निवारण होता है । परन्तु इस प्रकार का कोई भी प्रयोग करने से पहले कुछ दिनों तक नित्य ही ज्यादा-से-ज्यादा "गायत्री मन्त्र" का जप व हवन करना चाहिए ।।

==============================================

वास्तु विजिटिंग के लिये तथा अपनी कुण्डली दिखाकर उचित सलाह लेने एवं अपनी कुण्डली बनवाने अथवा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिए संपर्क करें ।।

==============================================

किसी भी तरह के पूजा-पाठ, विधी-विधान, ग्रह दोष शान्ति आदि के लिए तथा बड़े से बड़े अनुष्ठान हेतु योग्य एवं विद्वान् ब्राह्मण हमारे यहाँ उपलब्ध हैं ।।

==============================================

संपर्क करें:- बालाजी ज्योतिष केंद्र, गायत्री मंदिर के बाजु में, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा ।।

WhatsAap+ Viber+Tango & Call: +91 - 8690 522 111.
E-Mail :: astroclassess@gmail.com

Website :: www.astroclasses.com
www.astroclassess.blogspot.com
www.facebook.com/astroclassess

।। नारायण नारायण ।।

Post a Comment

0 Comments