हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,
मित्रों, पिछले प्रकरण में मैंने वर्णन किया था "वैवाहिक दोषों के उपाय एवं सुखी वैवाहिक जीवन के कुछ सरल टिप्स" के विषय में । आज भी हम अपने इसी प्रकरण को आगे बढ़ाते हुए कुछ और टिप्स बताते हैं ।।
पीपल की जड़ में लगातार तेरह दिन लड़की या लड़का जल चढ़ायें तो विवाह में आनेवाली रुकावट दूर हो जाती है । विवाह में अप्रत्याशित विलम्ब हो रहा हो.....
और कोई लड़की अपने अहं के कारण अनेकों युवकों की स्वीकृति के बाद भी उन्हें अस्वीकार कर देती हो तो उसके विवाह में बाद में बाधा आती ही है ।।
मित्रों, ऐसी स्थिति में ऐसी लड़की को माँ गौरी की, जो किसी भी शिव मन्दिर में मिल जायेंगी सिन्दूर से माँग भरना एवं पूजन सामग्री में श्रृंगार की सामग्री चढ़ाकर पूजन करना चाहिए ।।
किसी भी लड़के या लड़की के विवाह में बाधा आ रही हो तो विघ्नकर्ता गणेशजी की उपासना किसी भी चतुर्थी से प्रारम्भ करके अगले चतुर्थी तक एक मास करना चाहिए ।।
गणेश जी की प्रतिमा यदि स्फटिक, पारद या पीतल से बना हो तो उस मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करके एक कांसे की थाली में पश्चिमाभिमुख स्थापित करके स्वयं पूर्व की ओर मुँह करके....
जल, चन्दन, अक्षत, पुष्प, दूर्वा, धूप, दीप, नैवेद्य आदि से पूजा करे तथा एक माला अर्थात १०८ बार “ॐ गं गणेशाय नमः” इस मन्त्र का जप करते हुए गणेश जी पर १०८ दूर्वा चढ़ायें ।।
भगवान गणपति को नैवेद्य में मोतीचूर के लड्डूओं का भोग चढ़ायें एवं प्रसाद के लड्डूओं को बच्चों में बांट दें । यह प्रयोग एक मास तक करें, कारण चाहे कुछ भी हो जातक का विवाह हो जायेगा ।।
मित्रों, साथ ही एक टोटका और करें कि गणेशजी पर चढ़ाये हुए दूर्वा को लड़की के पिता अपनी दायीं जेब में लेकर लड़का देखने या विवाह का बात करने के लिए जायें ।।
तुलसी के पौधे का पूजन करें और फिर १२ परिक्रमायें उसके बाद दाहिने हाथ से दुग्ध और बायें हाथ से जलधारा देवें । उसके पहले भगवान सूर्य को बारह बार.....
इस मन्त्र से अर्ध्य दें- “ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्त्र किरणाय मम वांछित देहि-देहि स्वाहा।” फिर इस मन्त्र का १०८ बार जप करें ।।
लड़की जातक गुरुवार का व्रत करे एवं बृहस्पति मन्त्र की एक माला जप केले के जड़ में नीचे बैठकर करें । विवाहोपरान्त कन्या के विदाई के समय एक लोटे में गंगाजल.....
थोड़ी-सी हल्दी, एक सिक्का डाल कर उस लोटे को कन्या के सिर के ऊपर ७ बार घुमाकर उसके आगे डाल देवें उस कन्या का वैवाहिक जीवन सदैव सुखी रहेगा ।।
किसी भी शुक्रवार को रात में स्नान के बाद १०८ बार स्फटिक माला से निम्न मन्त्र का जप करें- “ॐ ऐं ऐं विवाह बाधा निवारणाय क्रीं क्रीं ॐ फट् ।।”
लड़के के शीघ्र विवाह के लिए शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को ७० ग्राम चावल, ७० सेमी॰ सफेद वस्त्र, ७ मिश्री के टुकड़े, ७ सफेद फूल, ७ छोटी इलायची, ७ सिक्के, ७ श्रीखंड चंदन की टुकड़ी, ७ जनेऊ ।।
इन सबको सफेद वस्त्र में बांधकर घर के किसी सुरक्षित स्थान पर शुक्रवार को प्रातः स्नान करके अपने इष्टदेव का ध्यान करके एवं अपनी मनोकामना कहकर पोटली को ऐसे स्थान पर रखें जहाँ किसी की दृष्टि न पड़े ।।
इस पोटली को ९० दिनों तक यथास्थान सुरक्षित रखे रहने दें । एवं इसी टोटके को किसी लड़की के लिए करना हो तो ७० ग्राम चने की दाल, ७० से॰मी॰ पीला वस्त्र, ७ पीले रंग में रंगा सिक्का......
७ सुपारी पीला रंग में कलर किया हुआ, ७ गुड़ की डली, ७ पीले फूल, ७ हल्दी गांठ, ७ पीला जनेऊ । इन सबको पीले वस्त्र में बांधकर घर के किसी सुरक्षित स्थान में गुरुवार को प्रातः स्नान करके.....
अपने इष्टदेव का ध्यान करते हुए एवं मनोकामना कहकर पोटली को ऐसे स्थान पर रखें जहाँ किसी की दृष्टि न पड़े । इस पोटली को ठीक उसी प्रकार ९० दिनों तक यथास्थान सुरक्षित रखे रहने दें ।।
कुछ आचार्यों का मानना है, कि श्रेष्ठ वर की प्राप्ति हेतु बालकाण्ड का पाठ भी करना चाहिए । आपके घर का वास्तु दोष भी कारण हो सकता है आपके विवाह में विलम्ब का ।।
अक्सर लोग अपने बच्चों की शादी-विवाह को लेकर बहुत परेशान एवं चिंतित नजर आते हैं । किन्तु क्या कभी आपने सोचा है की विवाह में विलंब का कारण ग्रह दोष भी हो सकता हैं ?
यदि आप भी अपनी संतान के विवाह में हो रहे बिलम्ब की वजह से चिंतित हैं तो अपने घर के वास्तु दोषों पर विचार करें । ऐसे युवक-युवतियों को उत्तर अथवा उत्तर-पश्चिम दिशा अर्थात वायब्य कोण के कमरे में शयन करना चाहिए ।।
ऐसा करने से वैवाहिक बाधाओं के बाद भी विवाह के लिए रिश्ते आने लगते हैं । उस कमरे में उन्हें सोते समय अपना सर हमेशा पूर्व दिशा में रखना चाहिए ।।
विवाह के योग्य युवक-युवतियों को ऐसे कक्ष में शयन नहीं करना चाहिए जो अधूरा बना हुआ हो । जिस कक्ष में बीम लटका हुआ दिखाई देता हो उस कक्ष में भी शयन ना करें ।।
विवाह के योग्य युवक-युवतियों के शयन कक्ष एवं दरवाजे का रंग गुलाबी, हल्का पीला, सफेद (चमकीला) होना चाहिए । विवाह योग्य युवक-युवतियों को अपने कमरे में पूर्वोत्तर दिशा में पानी का फव्वारा रखना चाहिए ।।
कई बार ऐसा भी होता है की कोई युवक या युवती विवाह के लिए तैयार नहीं होते । उसके कक्ष के उत्तर दिशा की ओर क्रिस्टल बॉल को कांच की प्लेट अथवा प्याली में रखनी चाहिए ।।
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काहल योग एवं उसके फल - बृहत्पाराशर होराशास्त्रम् के 19वें अध्याय में वर्णित अनेकयोगाध्यायः में ज्योतिष के सभी महत्वपूर्ण योगों का विस्तृत वर्णन किया गया है । आइये जानें इस विडियो टुटोरियल में काहल योग एवं उसके फल के विषय में - https://youtu.be/Hb_-h5GnToQ
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।।। नारायण नारायण ।।।
मित्रों, पिछले प्रकरण में मैंने वर्णन किया था "वैवाहिक दोषों के उपाय एवं सुखी वैवाहिक जीवन के कुछ सरल टिप्स" के विषय में । आज भी हम अपने इसी प्रकरण को आगे बढ़ाते हुए कुछ और टिप्स बताते हैं ।।
पीपल की जड़ में लगातार तेरह दिन लड़की या लड़का जल चढ़ायें तो विवाह में आनेवाली रुकावट दूर हो जाती है । विवाह में अप्रत्याशित विलम्ब हो रहा हो.....
और कोई लड़की अपने अहं के कारण अनेकों युवकों की स्वीकृति के बाद भी उन्हें अस्वीकार कर देती हो तो उसके विवाह में बाद में बाधा आती ही है ।।
मित्रों, ऐसी स्थिति में ऐसी लड़की को माँ गौरी की, जो किसी भी शिव मन्दिर में मिल जायेंगी सिन्दूर से माँग भरना एवं पूजन सामग्री में श्रृंगार की सामग्री चढ़ाकर पूजन करना चाहिए ।।
किसी भी लड़के या लड़की के विवाह में बाधा आ रही हो तो विघ्नकर्ता गणेशजी की उपासना किसी भी चतुर्थी से प्रारम्भ करके अगले चतुर्थी तक एक मास करना चाहिए ।।
गणेश जी की प्रतिमा यदि स्फटिक, पारद या पीतल से बना हो तो उस मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करके एक कांसे की थाली में पश्चिमाभिमुख स्थापित करके स्वयं पूर्व की ओर मुँह करके....
जल, चन्दन, अक्षत, पुष्प, दूर्वा, धूप, दीप, नैवेद्य आदि से पूजा करे तथा एक माला अर्थात १०८ बार “ॐ गं गणेशाय नमः” इस मन्त्र का जप करते हुए गणेश जी पर १०८ दूर्वा चढ़ायें ।।
भगवान गणपति को नैवेद्य में मोतीचूर के लड्डूओं का भोग चढ़ायें एवं प्रसाद के लड्डूओं को बच्चों में बांट दें । यह प्रयोग एक मास तक करें, कारण चाहे कुछ भी हो जातक का विवाह हो जायेगा ।।
मित्रों, साथ ही एक टोटका और करें कि गणेशजी पर चढ़ाये हुए दूर्वा को लड़की के पिता अपनी दायीं जेब में लेकर लड़का देखने या विवाह का बात करने के लिए जायें ।।
तुलसी के पौधे का पूजन करें और फिर १२ परिक्रमायें उसके बाद दाहिने हाथ से दुग्ध और बायें हाथ से जलधारा देवें । उसके पहले भगवान सूर्य को बारह बार.....
इस मन्त्र से अर्ध्य दें- “ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्त्र किरणाय मम वांछित देहि-देहि स्वाहा।” फिर इस मन्त्र का १०८ बार जप करें ।।
लड़की जातक गुरुवार का व्रत करे एवं बृहस्पति मन्त्र की एक माला जप केले के जड़ में नीचे बैठकर करें । विवाहोपरान्त कन्या के विदाई के समय एक लोटे में गंगाजल.....
थोड़ी-सी हल्दी, एक सिक्का डाल कर उस लोटे को कन्या के सिर के ऊपर ७ बार घुमाकर उसके आगे डाल देवें उस कन्या का वैवाहिक जीवन सदैव सुखी रहेगा ।।
किसी भी शुक्रवार को रात में स्नान के बाद १०८ बार स्फटिक माला से निम्न मन्त्र का जप करें- “ॐ ऐं ऐं विवाह बाधा निवारणाय क्रीं क्रीं ॐ फट् ।।”
लड़के के शीघ्र विवाह के लिए शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को ७० ग्राम चावल, ७० सेमी॰ सफेद वस्त्र, ७ मिश्री के टुकड़े, ७ सफेद फूल, ७ छोटी इलायची, ७ सिक्के, ७ श्रीखंड चंदन की टुकड़ी, ७ जनेऊ ।।
इन सबको सफेद वस्त्र में बांधकर घर के किसी सुरक्षित स्थान पर शुक्रवार को प्रातः स्नान करके अपने इष्टदेव का ध्यान करके एवं अपनी मनोकामना कहकर पोटली को ऐसे स्थान पर रखें जहाँ किसी की दृष्टि न पड़े ।।
इस पोटली को ९० दिनों तक यथास्थान सुरक्षित रखे रहने दें । एवं इसी टोटके को किसी लड़की के लिए करना हो तो ७० ग्राम चने की दाल, ७० से॰मी॰ पीला वस्त्र, ७ पीले रंग में रंगा सिक्का......
७ सुपारी पीला रंग में कलर किया हुआ, ७ गुड़ की डली, ७ पीले फूल, ७ हल्दी गांठ, ७ पीला जनेऊ । इन सबको पीले वस्त्र में बांधकर घर के किसी सुरक्षित स्थान में गुरुवार को प्रातः स्नान करके.....
अपने इष्टदेव का ध्यान करते हुए एवं मनोकामना कहकर पोटली को ऐसे स्थान पर रखें जहाँ किसी की दृष्टि न पड़े । इस पोटली को ठीक उसी प्रकार ९० दिनों तक यथास्थान सुरक्षित रखे रहने दें ।।
कुछ आचार्यों का मानना है, कि श्रेष्ठ वर की प्राप्ति हेतु बालकाण्ड का पाठ भी करना चाहिए । आपके घर का वास्तु दोष भी कारण हो सकता है आपके विवाह में विलम्ब का ।।
अक्सर लोग अपने बच्चों की शादी-विवाह को लेकर बहुत परेशान एवं चिंतित नजर आते हैं । किन्तु क्या कभी आपने सोचा है की विवाह में विलंब का कारण ग्रह दोष भी हो सकता हैं ?
यदि आप भी अपनी संतान के विवाह में हो रहे बिलम्ब की वजह से चिंतित हैं तो अपने घर के वास्तु दोषों पर विचार करें । ऐसे युवक-युवतियों को उत्तर अथवा उत्तर-पश्चिम दिशा अर्थात वायब्य कोण के कमरे में शयन करना चाहिए ।।
ऐसा करने से वैवाहिक बाधाओं के बाद भी विवाह के लिए रिश्ते आने लगते हैं । उस कमरे में उन्हें सोते समय अपना सर हमेशा पूर्व दिशा में रखना चाहिए ।।
विवाह के योग्य युवक-युवतियों को ऐसे कक्ष में शयन नहीं करना चाहिए जो अधूरा बना हुआ हो । जिस कक्ष में बीम लटका हुआ दिखाई देता हो उस कक्ष में भी शयन ना करें ।।
विवाह के योग्य युवक-युवतियों के शयन कक्ष एवं दरवाजे का रंग गुलाबी, हल्का पीला, सफेद (चमकीला) होना चाहिए । विवाह योग्य युवक-युवतियों को अपने कमरे में पूर्वोत्तर दिशा में पानी का फव्वारा रखना चाहिए ।।
कई बार ऐसा भी होता है की कोई युवक या युवती विवाह के लिए तैयार नहीं होते । उसके कक्ष के उत्तर दिशा की ओर क्रिस्टल बॉल को कांच की प्लेट अथवा प्याली में रखनी चाहिए ।।
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काहल योग एवं उसके फल - बृहत्पाराशर होराशास्त्रम् के 19वें अध्याय में वर्णित अनेकयोगाध्यायः में ज्योतिष के सभी महत्वपूर्ण योगों का विस्तृत वर्णन किया गया है । आइये जानें इस विडियो टुटोरियल में काहल योग एवं उसके फल के विषय में - https://youtu.be/Hb_-h5GnToQ
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।।। नारायण नारायण ।।।
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