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मन्त्री, जिलाधिकारी एवं महाधनी बनने के ज्योतिष के कुछ योग ।।



मन्त्री, जिलाधिकारी एवं महाधनी बनने के ज्योतिष के कुछ योग ।। top Label yoga in Astrology.

हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,

मित्रों, मेष लग्न की कुण्डली में अगर स्वराशिस्थ मंगल के साथ यदि गुरु बैठा हो तो ऐसा जातक अपने जीवन में उच्च से उच्च स्थान प्राप्त करता है ।।

ऐसे जातक विदेश अथवा गृहमंत्री बनता है या फिर जिले का प्रमुख तो अवश्य बनता है । मेष का मंगल लग्न में तथा दुसरे भाव में गुरु हो तो ऐसा जातक भी उच्च प्रशासनिक सेवा में उच्च पदाधिकारी बनता है ।।


मेष लग्न की कुण्डली में अगर भाग्येश गुरु लग्न में हो एवं चतुर्थेश चतुर्थ में हो एवं दशम भाव में शुक्र हो तो वह जातक शासन में मंत्री होता है ।।


उच्च का गुरु केन्द्र में हो तथा दशम भाव में शुक्र हो तो वह जातक यशस्वी होकर शासनाधिकारी होता है । कन्या लग्न की कुण्डली में लग्न में बुध हो, एकादश भाव में गुरु एवं चन्द्रमा हो और पंचम भाव में मंगल हो तो वह जातक मंत्री या उच्चाधिकारी बनता है ।।


गुरु या शुक्र उच्चस्थ होकर किसी केन्द्र अथवा त्रिकोण में बैठे हो तो वह जातक धनी, पराक्रमी व शासनाधिकारी होता है । आपकी कुण्डली में अगर बुध के द्वारा गुरु देखा जा रहा हो तो ऐसा जातक महाधनी होकर उच्च पदस्थ होता है ।।


वैसे किसी की भी जन्म पत्रिका में गुरु व शनि के बीच सारे ग्रह बैठे हों तो वह जातक अतुलनीय धन पाता है एवं उत्तम-से-उत्तम वाहनादि से युक्त उत्तम भवन प्राप्त करता है ।।


नौकरी करना और करवाना दो बातें होती है । उत्तम योग वाले जातक नौकरी करते हुए भी नौकर नहीं होते अथवा तो नौकरी करते ही नहीं ।।


चौथा भाव अर्थात नौकरी से मिलने वाले लाभ का घर, इस भाव के कारक ग्रहों को समझना भी जरूरी होता है । चौथे भाव में अगर कोई खराब ग्रह बैठा हो और दशम भाव.....


अर्थात नौकरी के भाव का मालिक कोई शत्रु ग्रह हो तो ग्रहों की ये स्थिति जातक को चाह कर भी नौकरी नहीं करने देगा । इसके लिये उसे चौथे भाव से हटाने की क्रिया करनी चाहिये ।।


उदाहरण के लिए अगर मंगल चौथे भाव में हो और दशम भाव का मालिक बुध हो तो ऐसी स्थिति में मंगल के लिये "शहद चार दिन लगातार बहते पानी में बहाना चाहिए" ।।


अथवा अगर शनि चौथे भाव में हो और दशम भाव का मालिक सूर्य हो तो चार नारियल लगातार पानी में प्रवाहित करने से सब अनुकूल होता है । इसी प्रकार से अन्य ग्रहों का भी उनके अनुसार उपाय करना चाहिए ।।



  
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।।। नारायण नारायण ।।।

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