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बड़ी सफलता, उपलब्धि तथा अनंत खुशियों को देता है प्रथम भाव पर अच्छे ग्रहों की दृष्टि ।। first home in your horoscope.

हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,
 Narayan

मित्रों, आज हम बात करेंगे ज्योतिष के अंतर्गत जन्मकुण्डली के प्रथम भाव के विषय में । भारतीय ज्योतिष में प्रथम भाव को लग्न कहा जाता है । वैदिक ज्योतिष के अनुसार इसे बारह घरों में सबसे महत्त्वपूर्ण घर माना जाता है ।।

किसी भी व्यक्ति के जन्म के समय के आधार पर ही उस व्यक्ति की कुण्डली का लग्न निर्धारित किया जाता है । इस राशि अर्थात लग्न अथवा लग्न राशि को उस व्यक्ति की कुंडली बनाते समय पहले घर में स्थान दिया जाता है ।।

मित्रों, इसके बाद आने वाली राशियों को कुंडली में क्रमश: दूसरे, तीसरे तथा इसी क्रम में बारहवें घर में स्थान दिया जाता है । किसी व्यक्ति के जन्म के समय पंचांग के अनुसार मेष राशि में जन्म हुआ तो मेष राशी ही उस व्यक्ति का जन्म लग्न कहलाता है ।।

मेष राशी को ही उस व्यक्ति की जन्मकुण्डली के पहले घर में स्थान दिया जाता है । उसके बाद आने वाली राशियों को वृष से लेकर मीन तक क्रमश: दूसरे से लेकर बारहवें घर में स्थान दिया जाता है ।।
 Narayana

किसी भी कुण्डली में पहले घर का महत्त्व सबसे अधिक होता है । जातक के जीवन के लगभग सभी महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में इस घर का प्रभाव पाया जाता है । जातक के स्वभाव तथा चरित्र के बारे में जानने के लिए भी प्रथम भाव विशेष महत्त्व रखता है ।। 

मित्रों, इस घर से जातक की आयु, स्वास्थ्य, व्यवसाय, सामाजिक प्रतिष्ठा तथा अन्य कई महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों के विषय में पता चलता है । प्रथम भाव से शरीर के अंगों में सिर, मस्तिष्क तथा इसके आस-पास के हिस्सों के बारे में भी पता चलता है ।।

इस घर पर किसी भी बुरे ग्रह का प्रभाव शरीर के इन अंगों से संबंधित रोगों, चोटों अथवा परेशानियों का कारण बन सकता है । कुंडली का पहला घर हमें पिछले जन्मों में संचित अच्छे-बुरे कर्मों तथा इस जीवन में उन्हीं कर्मों के फल के बारे में भी बताता है ।।

पहले घर से व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, सुखों के भोग, बौद्धिक स्तर, मानसिक विकास, स्वभाव की कोमलता अथवा कठोरता तथा अन्य बहुत सारे विषयों के बारे में भी जानकारी प्राप्त होती है । पहला घर व्यक्ति के स्वाभिमान तथा अहंकार की सीमा को भी दर्शाता है ।।
 Radhe Krishna

कुण्डली के पहले घर पर एक या एक से अधिक बुरे ग्रहों की दृष्टि या उनका प्रभाव जातक के जीवन के लगभग किसी भी क्षेत्र में समस्या का कारण बन सकता है ।।

मित्रों, कुण्डली के पहले घर पर एक या एक से अधिक अच्छे ग्रहों की दृष्टि या उनका प्रभाव जातक के जीवन के किसी भी क्षेत्र में बड़ी सफलताओं, उपलब्धियों तथा खुशियों का कारण बन जाती है ।।

इसलिए किसी भी व्यक्ति की कुण्डली देखते समय उसकी कुण्डली के पहले घर तथा उससे जुड़े समस्त तथ्यों पर बहुत ही ध्यानपूर्वक विचार करना चाहिए । एक-एक पहलू पर गहराई से गौर करने के बाद ही कोई निष्कर्ष निकालना चाहिये ।।

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।। नारायण नारायण ।।

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