हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,
मित्रों, किसी भी जन्मकुण्डली में जब दो ग्रह किसी एक ही राशि में बैठते हैं, तो क्या फल जातक को देते हैं? आज इसी विषय में बात करेंगे । सामान्यतया दो ग्रहों के मिलन को ग्रहों की युति कहा जाता है ।।
जब दो ग्रह एक-दूसरे ग्रह से सातवें स्थान अर्थात्180 डिग्री पर हों तो इसे प्रतियुति कही जाती है । साधारण सी बात है, कि शुभ ग्रहों की युति जातक को शुभ फल देती है । और अशुभ ग्रह या अशुभ स्थानों के स्वामियों की युति-प्रतियुति अशुभ फलदायक होती है ।।
मित्रों, फिर चलिये आज के इस एपिसोड में देखते हैं, कि विभिन्न ग्रहों की युति-प्रतियुति के क्या फल होते हैं । सबसे पहले बात करेंगे सूर्य-गुरु के युति की । यह युति जातक के जीवन में उत्कृष्ट योग, मान-सम्मान, प्रतिष्ठा एवं यश दिलाता है ।।
उच्च शिक्षा हेतु दूरस्थ प्रवास का योग बनाता है परन्तु बौद्धिक क्षेत्र में असाधारण योग्यता भी प्रदान करता है । अगर हम सूर्य और शुक्र के युति की बात करें तो यह योग जातक को कला के क्षेत्र में विशेष प्रतिष्ठा दिलाने वाला योग होता है ।।
मित्रों, शुक्र क्योंकि विवाह और प्रेम से सम्बन्ध रखनेवाला ग्रह है । इसलिए यह योग जातक के जीवन में उसके विवाह एवं प्रेम संबंधों में भी नाटकीय स्थितियाँ निर्मित करता है ।।
वैसे तो सूर्य और बुध की युति जगविख्यात होती है । फिर भी इस योग के विषय में म बात करेंगे । यह योग व्यक्ति को व्यवहार कुशल बनाता है । व्यापार-व्यवसाय में ऊँची सफलता दिलाता है एवं ऐसे जातक को कर्ज भी आसानी से मिल जाते हैं ।।
मित्रों, सूर्य और मंगल ये दोनों अग्निकारक ग्रह माने गए हैं । अत: यह योग जातक को अत्यंत महत्वाकांक्षी बनाता है । यह योग व्यक्ति को उत्कट इच्छाशक्ति एवं प्रबल साहस देता है । यह व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में अपने आपको श्रेष्ठ सिद्ध करने की योग्यता रखते हैं ।।
सूर्य और शनि ये दोनों बाप-बेटे मिलकर जातक को क्या देते हैं? आइये जानने का प्रयास करें । मित्रों, इन दोनों पिता-पुत्र के आपसी वैमनस्य के वजह से जातक का भाग्य साथ नहीं देता है । कुल मिलाकर यह अत्यंत अशुभ योग माना गया है और जातक को हर क्षेत्र में सफलता देर से मिलती है ।।
मित्रों, सूर्य और चंद्र ये दोनों एक-एक राशियों के ही स्वामी ग्रह हैं । ज्योतिष में ये दोनों प्रतिष्ठित ग्रह माने गए हैं । इसमें चन्द्रमा यदि शुभ हो तो यह युति जातक को मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा से भर देती है परन्तु अशुभ चन्द्रमा जातक को मानसिक रोगी बना देती है ।।
अब हम अपने अगले लेख में चन्द्रमा के साथ अन्य सभी ग्रहों की युति का फल बताएँगे । अत: ज्योतिष के गूढ़-से-गूढ़ ज्ञान एवं अन्य हर प्रकार के टिप्स & ट्रिक्स के लिए हमारे फेसबुक के ऑफिसियल पेज को अवश्य लाइक करें - Astro Classes, Silvassa.
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वास्तु विजिटिंग के लिये तथा अपनी कुण्डली दिखाकर उचित सलाह लेने एवं अपनी कुण्डली बनवाने अथवा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिए संपर्क करें ।।
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किसी भी तरह के पूजा-पाठ, विधी-विधान, ग्रह दोष शान्ति आदि के लिए तथा बड़े से बड़े अनुष्ठान हेतु योग्य एवं विद्वान् ब्राह्मण हमारे यहाँ उपलब्ध हैं ।।
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संपर्क करें:- बालाजी ज्योतिष केंद्र, गायत्री मंदिर के बाजु में, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा ।।
WhatsAap+ Viber+Tango & Call: +91 - 8690 522 111.
E-Mail :: astroclassess@gmail.com
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।।। नारायण नारायण ।।।
मित्रों, किसी भी जन्मकुण्डली में जब दो ग्रह किसी एक ही राशि में बैठते हैं, तो क्या फल जातक को देते हैं? आज इसी विषय में बात करेंगे । सामान्यतया दो ग्रहों के मिलन को ग्रहों की युति कहा जाता है ।।
जब दो ग्रह एक-दूसरे ग्रह से सातवें स्थान अर्थात्180 डिग्री पर हों तो इसे प्रतियुति कही जाती है । साधारण सी बात है, कि शुभ ग्रहों की युति जातक को शुभ फल देती है । और अशुभ ग्रह या अशुभ स्थानों के स्वामियों की युति-प्रतियुति अशुभ फलदायक होती है ।।
मित्रों, फिर चलिये आज के इस एपिसोड में देखते हैं, कि विभिन्न ग्रहों की युति-प्रतियुति के क्या फल होते हैं । सबसे पहले बात करेंगे सूर्य-गुरु के युति की । यह युति जातक के जीवन में उत्कृष्ट योग, मान-सम्मान, प्रतिष्ठा एवं यश दिलाता है ।।
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मित्रों, शुक्र क्योंकि विवाह और प्रेम से सम्बन्ध रखनेवाला ग्रह है । इसलिए यह योग जातक के जीवन में उसके विवाह एवं प्रेम संबंधों में भी नाटकीय स्थितियाँ निर्मित करता है ।।
वैसे तो सूर्य और बुध की युति जगविख्यात होती है । फिर भी इस योग के विषय में म बात करेंगे । यह योग व्यक्ति को व्यवहार कुशल बनाता है । व्यापार-व्यवसाय में ऊँची सफलता दिलाता है एवं ऐसे जातक को कर्ज भी आसानी से मिल जाते हैं ।।
मित्रों, सूर्य और मंगल ये दोनों अग्निकारक ग्रह माने गए हैं । अत: यह योग जातक को अत्यंत महत्वाकांक्षी बनाता है । यह योग व्यक्ति को उत्कट इच्छाशक्ति एवं प्रबल साहस देता है । यह व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में अपने आपको श्रेष्ठ सिद्ध करने की योग्यता रखते हैं ।।
सूर्य और शनि ये दोनों बाप-बेटे मिलकर जातक को क्या देते हैं? आइये जानने का प्रयास करें । मित्रों, इन दोनों पिता-पुत्र के आपसी वैमनस्य के वजह से जातक का भाग्य साथ नहीं देता है । कुल मिलाकर यह अत्यंत अशुभ योग माना गया है और जातक को हर क्षेत्र में सफलता देर से मिलती है ।।
मित्रों, सूर्य और चंद्र ये दोनों एक-एक राशियों के ही स्वामी ग्रह हैं । ज्योतिष में ये दोनों प्रतिष्ठित ग्रह माने गए हैं । इसमें चन्द्रमा यदि शुभ हो तो यह युति जातक को मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा से भर देती है परन्तु अशुभ चन्द्रमा जातक को मानसिक रोगी बना देती है ।।
अब हम अपने अगले लेख में चन्द्रमा के साथ अन्य सभी ग्रहों की युति का फल बताएँगे । अत: ज्योतिष के गूढ़-से-गूढ़ ज्ञान एवं अन्य हर प्रकार के टिप्स & ट्रिक्स के लिए हमारे फेसबुक के ऑफिसियल पेज को अवश्य लाइक करें - Astro Classes, Silvassa.
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।।। नारायण नारायण ।।।
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