हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,
मित्रों, वैदिक ज्योतिष के अन्तर्गत अनगिनत योगों का उल्लेख मिलता है । इनमें से बहुत से योग अच्छे हैं तो बहुत से योग अशुभ फलदायी भी होते हैं । जन्मकुण्डली में कष्टदायी ग्रहों का निर्धारण भावों के आधार पर भी किया जाता है । कुछ भाव ऎसे होते हैं जो जीवन में बाधा उत्पन्न करने का काम करते हैं । तथा कुछ ऐसे ग्रह होते हैं, जो हमारी मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक होते हैं ।।
हर लग्न की कुण्डलियों में अलग-अलग भावों के स्वामी बाधक होते हैं । इसी प्रकार हर लग्न की कुण्डलियों में अलग-अलग भावों के स्वामी शुभ फलदायी होकर जातक की मनोकामना को पूर्ण करते हैं । अगर कोई जातक चाहता हो की उसका विवाह किसी उसके पसंद की युवती से ही हो तो ये सम्भव तभी होता है जब उसके विवाह से सम्बन्ध रखनेवाला ग्रह उसके अनुकूल एवं शुभ फलदायी हो ।।
मित्रों, सभी बारह राशियों के स्वभाव के आधार पर बाधक ग्रह का निर्णय किया जाता है । ठीक उसी प्रकार अनुकूल फल देकर कौन से राशि का स्वामी उसकी मनोकामना को पूर्ण करेगा इस बात का भी निर्णय किया जाता है । अगर आप अपनी पसन्द की युवती से शादी करना चाहते हैं और उसमें बाधा आ रही है तो इस प्रेम विवाह की बाधा को दूर करने का भी उपाय है ।।
सर्वप्रथम कुण्डली को गहराई से देखकर ये निर्णय करना होगा की कौन सा ग्रह आपके प्रेम विवाह में बाधा करनेवाला ग्रह है । उसके बाद जब आप कन्फर्म हो जायें की फलां ग्रह के वजह से ही आपका प्रेम विवाह सफल नहीं हो पा रहा है तो उस ग्रह से सम्बन्धित उपाय करके आप अपना प्रेम प्राप्त कर सकते हैं । ग्रहों की अनुकूलता के लिये मैंने एक आर्टिकल लिख रखा है, आप हमारे ब्लॉग या वेबसाईट पर जाकर सर्च कर सकते हैं ।।
दूसरा एक सरल एवं हाई एन्टीबेटिक उपाय आज आपलोगों को बताता हूँ । अपने प्रेम विवाह की सफलता हेतु अथवा उसमें आ रही बाधा को दूर करने के लिये सटीक एवं कारगर उपाय है । यदि आपके प्रेम विवाह में अडचनें आ रही हैं तो किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के गुरूवार से शुरू करके भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ती या फोटो के आगे “ऊं लक्ष्मी नारायणाभ्याम् नमः” इस मन्त्र का जप करें ।।
इस उपरोक्त मन्त्र का प्रतिदिन तीन माला जप स्फटिक की माला से करें । ध्यान रखें की इस अनुष्ठान को शुक्ल पक्ष के गुरूवार से ही शुरू करना है । तीन महीने तक हर गुरूवार को मंदिर में प्रसाद चढ़ायें और अपने मनोवान्छित युवती अथवा युवक से अपने विवाह की सफलता के लिये भगवान नारायण एवं माता महालक्ष्मी से प्रार्थना करें ।।
अगर कोई कन्या इस उपाय को कर रही हो तो उसको चाहिये कि वह बृहस्पतिवार का व्रत रखे और बृहस्पति की मंत्र के साथ उनकी पूजा करे । इसके अतिरिक्त पुखराज, टोपाज या सुनहला नाम का रत्न धारण करे । किसी भी छोटे बच्चे को बृहस्पतिवार के दिन पीले वस्त्र दान करे । किसी युवक को चाहिये कि वह हीरा, ओपल अथवा जर्कन धारण करे और छोटी बच्चियों को शुक्रवार को श्वेत वस्त्र का दान करे । शीघ्र ही मनोकामनाओं की पूर्ति अवश्य ही होगी ।।
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मित्रों, हम अपने सभी लेखों के माध्यम से समाज का भला कैसे हो इस बात का भरपूर ध्यान रखकर ही लिखते हैं । आगे भी ये प्रक्रिया सतत जारी रहेगी अत: ज्योतिष के गूढ़-से-गूढ़ ज्ञान एवं अन्य हर प्रकार के टिप्स & ट्रिक्स के लिए हमारे फेसबुक के ऑफिसियल पेज को अवश्य लाइक करें - Astro Classes, Silvassa.
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वास्तु विजिटिंग के लिये तथा अपनी कुण्डली दिखाकर उचित सलाह लेने एवं अपनी कुण्डली बनवाने अथवा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिए संपर्क करें ।।
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किसी भी तरह के पूजा-पाठ, विधी-विधान, ग्रह दोष शान्ति आदि के लिए तथा बड़े से बड़े अनुष्ठान हेतु योग्य एवं विद्वान् ब्राह्मण हमारे यहाँ उपलब्ध हैं ।।
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संपर्क करें:- बालाजी ज्योतिष केन्द्र, गायत्री मंदिर के बाजु में, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा ।।
WhatsAap & Call: +91 - 8690 522 111.
E-Mail :: astroclassess@gmail.com
वेबसाइट. ब्लॉग. फेसबुक. ट्विटर.
।।। नारायण नारायण ।।।
मित्रों, वैदिक ज्योतिष के अन्तर्गत अनगिनत योगों का उल्लेख मिलता है । इनमें से बहुत से योग अच्छे हैं तो बहुत से योग अशुभ फलदायी भी होते हैं । जन्मकुण्डली में कष्टदायी ग्रहों का निर्धारण भावों के आधार पर भी किया जाता है । कुछ भाव ऎसे होते हैं जो जीवन में बाधा उत्पन्न करने का काम करते हैं । तथा कुछ ऐसे ग्रह होते हैं, जो हमारी मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक होते हैं ।।
हर लग्न की कुण्डलियों में अलग-अलग भावों के स्वामी बाधक होते हैं । इसी प्रकार हर लग्न की कुण्डलियों में अलग-अलग भावों के स्वामी शुभ फलदायी होकर जातक की मनोकामना को पूर्ण करते हैं । अगर कोई जातक चाहता हो की उसका विवाह किसी उसके पसंद की युवती से ही हो तो ये सम्भव तभी होता है जब उसके विवाह से सम्बन्ध रखनेवाला ग्रह उसके अनुकूल एवं शुभ फलदायी हो ।।
मित्रों, सभी बारह राशियों के स्वभाव के आधार पर बाधक ग्रह का निर्णय किया जाता है । ठीक उसी प्रकार अनुकूल फल देकर कौन से राशि का स्वामी उसकी मनोकामना को पूर्ण करेगा इस बात का भी निर्णय किया जाता है । अगर आप अपनी पसन्द की युवती से शादी करना चाहते हैं और उसमें बाधा आ रही है तो इस प्रेम विवाह की बाधा को दूर करने का भी उपाय है ।।
सर्वप्रथम कुण्डली को गहराई से देखकर ये निर्णय करना होगा की कौन सा ग्रह आपके प्रेम विवाह में बाधा करनेवाला ग्रह है । उसके बाद जब आप कन्फर्म हो जायें की फलां ग्रह के वजह से ही आपका प्रेम विवाह सफल नहीं हो पा रहा है तो उस ग्रह से सम्बन्धित उपाय करके आप अपना प्रेम प्राप्त कर सकते हैं । ग्रहों की अनुकूलता के लिये मैंने एक आर्टिकल लिख रखा है, आप हमारे ब्लॉग या वेबसाईट पर जाकर सर्च कर सकते हैं ।।
दूसरा एक सरल एवं हाई एन्टीबेटिक उपाय आज आपलोगों को बताता हूँ । अपने प्रेम विवाह की सफलता हेतु अथवा उसमें आ रही बाधा को दूर करने के लिये सटीक एवं कारगर उपाय है । यदि आपके प्रेम विवाह में अडचनें आ रही हैं तो किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के गुरूवार से शुरू करके भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ती या फोटो के आगे “ऊं लक्ष्मी नारायणाभ्याम् नमः” इस मन्त्र का जप करें ।।
इस उपरोक्त मन्त्र का प्रतिदिन तीन माला जप स्फटिक की माला से करें । ध्यान रखें की इस अनुष्ठान को शुक्ल पक्ष के गुरूवार से ही शुरू करना है । तीन महीने तक हर गुरूवार को मंदिर में प्रसाद चढ़ायें और अपने मनोवान्छित युवती अथवा युवक से अपने विवाह की सफलता के लिये भगवान नारायण एवं माता महालक्ष्मी से प्रार्थना करें ।।
अगर कोई कन्या इस उपाय को कर रही हो तो उसको चाहिये कि वह बृहस्पतिवार का व्रत रखे और बृहस्पति की मंत्र के साथ उनकी पूजा करे । इसके अतिरिक्त पुखराज, टोपाज या सुनहला नाम का रत्न धारण करे । किसी भी छोटे बच्चे को बृहस्पतिवार के दिन पीले वस्त्र दान करे । किसी युवक को चाहिये कि वह हीरा, ओपल अथवा जर्कन धारण करे और छोटी बच्चियों को शुक्रवार को श्वेत वस्त्र का दान करे । शीघ्र ही मनोकामनाओं की पूर्ति अवश्य ही होगी ।।
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।।। नारायण नारायण ।।।
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