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बुध ग्रह के शुभाशुभ प्रभाव से प्रभावित महिलाओं के लक्षण एवं उसका उपाय ।। budha Graha Se Prabhavit Mahilaon Ke Lakshan.

हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,


मित्रों, वैसे तो सौरमंडल के सभी ग्रह धरती के सभी प्राणियों पर एक जैसा ही प्रभाव डालते हैं । लेकिन सभी प्राणियों का रहन सहन और प्रवृत्ति या प्रकृति एक दूसरे से भिन्न होती है । सोंचने वाली बात है, कि आखिर ऐसा क्यों होता है ? परन्तु आज मैं सिर्फ महिलाओं पर ग्रहों के प्रभाव के क्रम में सूर्य का महिलाओं पर शुभाशुभ प्रभाव का वर्णन कर रहा हूँ ।।


आपने देखा होगा कई बार कई महिलाओं का व्यवहार असामान्य सा प्रतीत होता है । ऐसी स्थितियों में कभी-कभी उन्हें झेलना बहुत ही मुश्किल सा हो जाता है । लगता है जैसे उन्हें किसी ने कुछ सिखा दिया हो । कभी-कभी तो ऐसे-ऐसे बहाने बनाती है जो समझ से भी परे होता है । उनका स्वाभाव ही बुरा होता है, ऐसी बात बिलकुल नहीं होता । हो सकता है, ग्रहों की अच्छे अथवा बुरे प्रभाव के करण भी ऐसा होता हो ।।



मित्रों, चलिए आज बुध के प्रभाव का शुभाशुभ फल जानते हैं । बुध ग्रह एक शुभ और रजोगुणी प्रवृत्ति का ग्रह बताया गया है । यह किसी भी स्त्री में बुद्धि, निपुणता, वाणी, वाकशक्ति, व्यापार, विद्या में बुद्धि का उपयोग तथा मातुल पक्ष का नैसर्गिक कारक ग्रह माना जाता है । यह द्विस्वभाव, अस्थिर और नपुंसक ग्रह होने के साथ-साथ शुभ होते हुए भी जिस ग्रह के साथ बैठता है, उसी प्रकार के फल देने लगता है ।।


अगर शुभ ग्रह के साथ हो तो शुभ और अशुभ ग्रह के साथ बैठा हो तो अशुभ फल देता है । अगर यह पाप ग्रहों के दुष्प्रभाव में हो तो कोई भी महिला कटु भाषी, अपनी बुद्धि से काम न लेने वाली यानि दूसरों की बातों में आ जाने वाली होती है । ऐसी महिला को हम कानों की कच्ची कह सकते हैं कानों की कच्ची होती है । जो घटना घटित भी न हुई हो उसके लिए पहले से ही चिंता करने वाली होती है ।।



मित्रों, जिस किसी महिला की जन्मकुण्डली में बुध अशुभ एवं पापी ग्रहों के साथ बैठा हो उसे चर्मरोग भी होने की संभावना होती है । बुध बुद्धि का परिचायक ग्रह भी माना जाता है । इसलिये अगर यह दूषित चन्द्रमा के प्रभाव में आता है तो स्त्री को आत्मघाती कदम की तरफ भी ले जा सकता है । जिस किसी भी स्त्री का बुध शुभ प्रभाव में होता है वे अपनी वाणी के द्वारा जीवन की सभी ऊँचाइयों को छू लेती है ।।


यह अत्यंत बुद्धिमान, विद्वान् और चतुर तथा एक अच्छी सलाहकार साबित होती है । व्यापार में भी अग्रणी तथा कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी समस्याओं का हल निकाल लेती हैं । लेकिन अगर बुध अच्छा न हो और अशुभ फल दे रहा हो तो जातक को हरे और साबुत मूंग तथा हरी पत्तेदार सब्जी का सेवन और दान करना चाहिये । हरे वस्त्र को धारण करना और दान देना उपुयक्त साबित होता है ।।


अगर किसी महिला की जन्मकुण्डली में बुध अच्छा न हो शुभ फल न दे रहा हो तो उसको तांबे के गिलास में जल पीना चाहिये । अगर किसी महिला की कुण्डली न हो और मानसिक अवसाद ज्यादा रहता हो तो सफेद और हरे रंग के धागे को आपस में मिला कर अर्थात कलावा जैसा बनाकर अपनी कलाई में बाँधना चाहिये इससे बहुत ही लाभ होता है अशुभ बुध से भी शुभ फलों की प्राप्ति होने लगती है ।।

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।।। नारायण नारायण ।।।

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