हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,
मित्रों, आज हम राहू कि महादशा में राहु कि अंतर्दशा का फल एवं उपाय जानेंगे । राहु मूल रूप से एक छाया ग्रह माना जाता है । परन्तु हमारे पूर्वाचार्यों ने उसे एक पूर्ण ग्रह के समान ही माना है । यह आर्द्रा, स्वाति एवं शतभिषा नक्षत्र का स्वामी होता है । राहु की दृष्टि कुण्डली में पंचम, सप्तम और नवम मानी जाती है ।।
जिन भावों पर राहु की दृष्टि का प्रभाव पड़ता है, वे राहु की महादशा में अवश्य ही प्रभावित होते हैं । राहु की महादशा 18 वर्ष की होती है । तो चलिये सर्वप्रथम हम राहु की महादशा में राहु की अंतर्दशा का फल जान लेते हैं । यह अन्तर्दशा कुल 2 वर्ष 8 माह और 12 दिन का होता है ।।
मित्रों, इस अवधि में राहु से प्रभावित जातक को अपमान और बदनामी का सामना करना पड़ सकता है । इस समय में जातक को विष और जल के कारण पीड़ा हो सकती है । विषाक्त भोजन, से स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है । इसके अतिरिक्त अपच, सर्पदंश, परस्त्री या पर पुरुष गमन की आशंका भी इस अवधि में बनी रहती है ।।
अगर कुण्डली में राहू अशुभ हो तो ऐसे राहु की इस अवधि में जातक को किसी अपने प्रिय से वियोग, समाज में अपयश, निंदा एवं जेल यात्रा आदि की संभावना भी रहती है । किसी दुष्ट व्यक्ति के कारण जातक को बड़ी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है ।।
मित्रों, यदि इस प्रकार का कोई लक्षण आपके जीवन में घटित हो रहा हो तो इसका उपाय करें । इसको ठीक करने का उपाय ये है, कि भगवान शिव के रौद्र अवतार भगवान भैरव के मन्दिर में रविवार को शराब चढ़ायें । भगवान भैरव का सामान्य पूजन करें फिर वहाँ तेल का दीपक जलायें ।।
परन्तु मित्रों, अगर आप शराब का पीते हैं, तो छोड़ दिजिये । शराब का सेवन आपके लिये इस समय में बिलकुल ही मना है । हो सके तो किसी लावारिस शव के दाह-संस्कार के लिए शमशान में लकड़ियों का दान करें । अधिक से अधिक मीठी और सुन्दर वाणी का प्रयोग करे अप्रिय वचनों का प्रयोग कदापि न करें ।।
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वास्तु विजिटिंग के लिये तथा अपनी कुण्डली दिखाकर उचित सलाह लेने एवं अपनी कुण्डली बनवाने अथवा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिए संपर्क करें ।।
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किसी भी तरह के पूजा-पाठ, विधी-विधान, ग्रह दोष शान्ति आदि के लिए तथा बड़े से बड़े अनुष्ठान हेतु योग्य एवं विद्वान् ब्राह्मण हमारे यहाँ उपलब्ध हैं ।।
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संपर्क करें:- बालाजी ज्योतिष केंद्र, गायत्री मंदिर के बाजु में, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा ।।
WhatsAap & Call: +91 - 8690 522 111.
E-Mail :: astroclassess@gmail.com
वेबसाइट. ब्लॉग. फेसबुक. ट्विटर.
।।। नारायण नारायण ।।।
मित्रों, आज हम राहू कि महादशा में राहु कि अंतर्दशा का फल एवं उपाय जानेंगे । राहु मूल रूप से एक छाया ग्रह माना जाता है । परन्तु हमारे पूर्वाचार्यों ने उसे एक पूर्ण ग्रह के समान ही माना है । यह आर्द्रा, स्वाति एवं शतभिषा नक्षत्र का स्वामी होता है । राहु की दृष्टि कुण्डली में पंचम, सप्तम और नवम मानी जाती है ।।
जिन भावों पर राहु की दृष्टि का प्रभाव पड़ता है, वे राहु की महादशा में अवश्य ही प्रभावित होते हैं । राहु की महादशा 18 वर्ष की होती है । तो चलिये सर्वप्रथम हम राहु की महादशा में राहु की अंतर्दशा का फल जान लेते हैं । यह अन्तर्दशा कुल 2 वर्ष 8 माह और 12 दिन का होता है ।।
मित्रों, इस अवधि में राहु से प्रभावित जातक को अपमान और बदनामी का सामना करना पड़ सकता है । इस समय में जातक को विष और जल के कारण पीड़ा हो सकती है । विषाक्त भोजन, से स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है । इसके अतिरिक्त अपच, सर्पदंश, परस्त्री या पर पुरुष गमन की आशंका भी इस अवधि में बनी रहती है ।।
अगर कुण्डली में राहू अशुभ हो तो ऐसे राहु की इस अवधि में जातक को किसी अपने प्रिय से वियोग, समाज में अपयश, निंदा एवं जेल यात्रा आदि की संभावना भी रहती है । किसी दुष्ट व्यक्ति के कारण जातक को बड़ी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है ।।
मित्रों, यदि इस प्रकार का कोई लक्षण आपके जीवन में घटित हो रहा हो तो इसका उपाय करें । इसको ठीक करने का उपाय ये है, कि भगवान शिव के रौद्र अवतार भगवान भैरव के मन्दिर में रविवार को शराब चढ़ायें । भगवान भैरव का सामान्य पूजन करें फिर वहाँ तेल का दीपक जलायें ।।
परन्तु मित्रों, अगर आप शराब का पीते हैं, तो छोड़ दिजिये । शराब का सेवन आपके लिये इस समय में बिलकुल ही मना है । हो सके तो किसी लावारिस शव के दाह-संस्कार के लिए शमशान में लकड़ियों का दान करें । अधिक से अधिक मीठी और सुन्दर वाणी का प्रयोग करे अप्रिय वचनों का प्रयोग कदापि न करें ।।
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।।। नारायण नारायण ।।।
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