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सूर्य के शुभाशुभ प्रभाव से प्रभावित महिलाओं के लक्षण ।। Surya Se Prabhavit Mahilaon Ke Lakshan.

हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,


मित्रों, वैसे तो सौरमंडल के सभी ग्रह धरती के सभी प्राणियों पर एक जैसा ही प्रभाव डालते हैं । लेकिन सभी प्राणियों का रहन सहन और प्रवृत्ति या प्रकृति एक दूसरे से भिन्न होती है । सोंचने वाली बात है, कि आखिर ऐसा क्यों होता है ? परन्तु आज मैं सिर्फ महिलाओं पर ग्रहों के प्रभाव के क्रम में सूर्य का महिलाओं पर शुभाशुभ प्रभाव का वर्णन कर रहा हूँ ।।

आपने देखा होगा कई बार कई महिलाओं का व्यवहार असामान्य सा प्रतीत होता है । ऐसी स्थितियों में कभी-कभी उन्हें झेलना बहुत ही मुश्किल सा हो जाता है । लगता है जैसे उन्हें किसी ने कुछ सिखा दिया हो । कभी-कभी तो ऐसे-ऐसे बहाने बनाती है जो समझ से भी परे होता है । उनका स्वाभाव ही बुरा होता है, ऐसी बात बिलकुल नहीं होता । हो सकता है, ग्रहों की अच्छे अथवा बुरे प्रभाव के करण भी ऐसा होता हो ।।


मित्रों, चलिए आज सूर्य के प्रभाव का शुभाशुभ फल जानते हैं । सूर्य एक उष्ण और सतोगुणी ग्रह माना गया है । यह आत्मा, पिता और राजयोग कारक ग्रह माना जाता है और प्रशन्न हो तो जातक को राज योग भी देता है । अगर जन्मकुण्डली में सूर्य अच्छी स्थिति में हो तो इंसान को स्फूर्तिवान, प्रभावशाली व्यक्तित्व, महत्वाकांक्षी और उदार बनाता है ।।

परन्तु यही सूर्य जब निर्बल या दूषित हो तो इंसान को चिड़चिड़ा, क्रोधी, घमंडी, आक्रामक और अविश्वसनीय बना देता है । अगर किसी महिला कि कुण्डली में सूर्य अच्छा हो तो उसे सदैव अग्रणी रखता है । ऐसी महिला निष्पक्ष न्याय में विश्वास रखती है फिर चाहे वो शिक्षित हो या अशिक्षित पर अपनी बुद्धिमत्ता का ही प्रदर्शन सदैव करती है । फिर चाहे वो उच्च पदस्थ हो अथवा निम्न पड़ पर ही क्यों न हो ।।


मित्रों, यही सूर्य उसी महिला की कुण्डली में यदि नीच का हो अथवा दूषित हो तो वही महिला सदैव अपने दिल पर एक अनजाना सा बोझ लिए फिरती है । अन्दर से कभी भी खुश नहीं रहती और आस-पास का माहौल भी तनाव पूर्ण बनाये रखती है । तात्कालिक घटना के लिये परेशान हो कर दूसरों को भी परेशान किये रहती है ।।

बात-बात पर शिकायतें, उलाहने उसकी जुबान पर तो रहते ही हैं । धीरे-धीरे दिल पर बोझ लिए वह पुरे एक दिन तक रक्त चाप की मरीज सी बन जाती है । ऐसा न केवल वही बल्कि अपने साथ रहने वालों को भी इस बीमारी का शिकार बनाकर रख देती है । दूषित सूर्य वाली महिलायें अपनी ही मर्जी से दुनिया को चलाने में यकीन रखती है । सिर्फ अपने नजरिये को ही सही मानती हैं दूसरा चाहे कितना ही सही क्यों न हो उसे विश्वास नहीं होता है ।।


मित्रों, सूर्य का आत्मा से सीधा सम्बन्ध होने के कारण यह अगर दूषित या नीच का हो तो दिल डूबा-डूबा सा रहता है । इसके वजह से जातक का चेहरा निस्तेज सा होने लगता है । इसका उपाय यह है, कि सूर्य को जल देना, सुबह उगते हुए सूर्य को कम से कम पंद्रह-मिनट देखते हुए गायत्री मन्त्र का जप करना चाहिये ।।

सूर्य को ठीक करने के लिये मैंने बहुत से उपाय बता रखे हैं, इसके लिये हमारे ब्लॉग पर सर्च करें । सर्वोत्तम उपाय आज के पंचांग में भी है साथ ही आदित्य-हृदय का पाठ और अधिक परेशानी हो तो रविवार का व्रत भी कर सकते हैं । संतरी रंग (उगते हुए सूरज) का प्रयोग अधिक करें ।।


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।।। नारायण नारायण ।।।

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