मित्रों, इन ग्रहों का चन्द्रमा से सम्बन्ध बने तो जातक साहित्य, गृह विज्ञान {वास्तु कला}, रसायन विज्ञान, पशुपालन, डेयरी विज्ञान, सौन्दर्य शास्त्र, चिकित्सा विज्ञान, पर्यटन शास्त्र, नौकायन, जलशास्त्र, नर्सिंग अथवा नक्शा बनाने के क्षेत्र का अध्यापक होगा । यदि मंगल से सम्बन्ध बने तो जातक भूगोल, खान, खनिज विज्ञान, धातु विज्ञान, रसायन विज्ञान, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, पुलिस, सेना से संबंधित विषय, पेट्रोलियम, पर्वतारोहण एवं साहसपूर्ण कार्यों से संबंधित विषयों का अध्यापक होता है ।।
उपरोक्त ग्रहों का यदि बुध से सम्बन्ध बने तो जातक वाणिज्य एवं प्रबंधक संकाय से संबंधित विषय, अर्थशास्त्र, बैंकिंग, सांख्यिकी, गणित, ज्योतिष, पत्रकारिता, प्रकाशन से संबंधित विषय, पुस्तकालय, वेद, शिक्षा शास्त्र एवं व्याकरण का अध्यापक होगा । गुरु से संबंध बने तो जातक शिक्षा शास्त्र, ज्योतिष, धर्मशास्त्र, पौरोहित्य, वेद, स्मृति, विधि शास्त्र, दर्शन, तर्कशास्त्र तथा वेदान्त आदि अध्यापक होता है ।।
मित्रों, उन ग्रहों का शुक्र से सम्बन्ध बने तो जातक कला, नृत्य, संगीत, नाट्य शास्त्र, साहित्य, फिल्म तथा टेलीविजन उद्योग से संबंधित विषयों का अध्यापक होता है । शनि से सम्बन्ध जातक को इतिहास, पुरातत्व, पुराण, दर्शन, स्मृति, विदेशी भाषाओं एवं इंजीनियरिंग से संबंधित विषयों का अध्यापक बनता है । राहु से संबंध बनने पर ज्योतिष, धर्मशास्त्र, तंत्र-मंत्र, जादू-टोना, परामनोविज्ञान, रहस्यमय एवं प्राचीन विषयों का अध्यापक होगा । केतु से उपरोक्त ग्रहों के सम्बन्ध जातक को कला एवं चिकित्सा से संबंधित विषयों का अध्यापक बनाता है ।।
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