हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,
मित्रों, हफ्ते के सात दिनों में से छठा दिन शुक्रवार है । शक्रवार का स्वामी ग्रह शुक्र को माना जाता है । शुक्र एक ऐसा ग्रह है जो गृहस्थ जीवन को खुशहाल बना देता है । यह ग्रह आपके पार्टनर अथवा जीवन साथी के विषय में भी बताता है । प्रत्येक ग्रह की अपनी कोई एक विशेषता होती है । आज हम इसी विषय अर्थात शुक्र ग्रह की विशेषताओं के बारे में बात करेंगे । साथ ही इस बात को भी स्पष्ट करेंगे कि कैसे शुक्र ग्रह आपके जीवन को खुशियों से भर देता है ।।
ज्योतिषशास्त्रानुसार शुक्र ग्रह को एक स्त्री ग्रह माना गया है । इस ग्रह के वजह से ही जातक किसी कन्या का पिता बन पाता है । जिस जातक की जन्मकुण्डली में शुक्र ग्रह तीसरे भाव में हो उसे बहन का सुख अवश्य प्राप्त होता है । यदि शुक्र पंचम भाव में हो तो जातक को कन्या रूपी रत्न का सुख प्राप्त होता है । शुक्र के द्वारा ही किसी भी युवक की कुण्डली देख कर यह पता लगाया जा सकता है, कि इस कुण्डली के अनुसार किस तरह की पत्नी मिलेगी ।।
मित्रों, एक बात तो स्पष्ट है, कि शुक्र अशुभ फल ना के बराबर ही देता है । यह कितना भी बुरा क्यों न हो आपकी कुण्डली में आप के जीवन को दोष युक्त अथवा गृहस्थी को दुखमय नहीं कर सकता । संतान उत्पति या गर्भ से सम्बन्धित कोई बात हो अथवा शारिरिक-मानसिक किसी प्रकार के भी कष्ट, विघ्न-बाधाओं की बात हो शुक्र की दशा में आप का जीवन दुखमय नहीं हो सकता ।।
हाँ अगर कदाचित किसी को शुक्र की दशा में जिंदगी से सम्बन्धित परेशानियाँ हों तो शुक्र ग्रह के लिये उपाय जो करने से ठीक हो जाता है । वैसे तो किसी भी ग्रह का यथाविधि शान्ति आदि उपाय करने से आप जीवन सम्बन्धित ग्रहों से आने वाली बाधाओं से बच सकते हैं । परन्तु आप किसी भी ग्रह के स्वभाव एवं स्वभावानुसार उसके शुभाशुभ प्रभाव को नहीं बदल सकते ।।
मित्रों, जिस प्रकार वर्षा हो रही हो तो आप केवल अपने शरीर को भीगने से बचा सकते हैं, बारिश को नहीं रोक सकते । ठीक उसी प्रकार बुरे ग्रहों का उपयुक्त उपाय करके आप अपने आप को बचा सकते हैं ग्रहों को बदल नहीं सकते । शुक्र आपके जीवन को सुन्दर-साफ-स्वच्छ बनाता है । चलिए देखते हैं, कि प्रथम भाव में शुक्र किसी जातक के जन्मकुण्डली में विराजमान हो तो क्या करता है ?।।
प्रथम भाव में शुक्र हो तो जातक अत्यन्त सुन्दर होता है । शुक्र जो कि भौतिक सुखों का दाता माना जाता है, जातक को सदैव सुखी रखता है । शुक्र आचार्य हैं और दैत्यों के गुरु के रूप में प्रतिष्ठित हैं । इसलिये जातक को भौतिक वस्तुओं को सहज ही प्रदान कर देते हैं । शुक्र प्रभावित जातकों को शराब-कबाब आदि से भी कोई परहेज नहीं हो तो भी कोई बात नहीं । ऐसे जातक की रुचि कलात्मक अभिव्यक्तियों में अधिक होती है ।।
मित्रों, शुक्र प्रभावित जातक सजने और संवरने वाले कामों में दक्ष होता है । इन विषयों का व्यवसायीकरण करे तो भी उसमें भी सफल होता है । ऐसा जातक राज कार्यों को बड़ी कुशलता से करता है और राज्य के तरफ से सम्मान एवं आनन्द भी पाता है । ऐसा जातक अपना काम बहुत ही चतुराई से करना और सामने वाले पर हुकुम चलाने की कला में भी निपुण होता है ।।
शुक्र प्रभावित जातक नाटक, सिनेमा और टीवी मीडिया के द्वारा अपनी ही बात को रखने में दक्ष होता है । अपने विलासी आदतों के कारण रोगी भी होता है । परन्तु रोगों पर जल्दी से विजय भी प्राप्त कर लेता है इसीलिए यह जातक अधिक उम्र का होता है । इसके शत्रु भी बहुत होते हैं, परन्तु बिना उनकी परवाह किये यह जातक रति सुख में आनन्दित रहता है और काम सुख के लिये उसे कोई विशेष प्रयत्न भी नहीं करने पडते हैं ।।
मित्रों, हफ्ते के सात दिनों में से छठा दिन शुक्रवार है । शक्रवार का स्वामी ग्रह शुक्र को माना जाता है । शुक्र एक ऐसा ग्रह है जो गृहस्थ जीवन को खुशहाल बना देता है । यह ग्रह आपके पार्टनर अथवा जीवन साथी के विषय में भी बताता है । प्रत्येक ग्रह की अपनी कोई एक विशेषता होती है । आज हम इसी विषय अर्थात शुक्र ग्रह की विशेषताओं के बारे में बात करेंगे । साथ ही इस बात को भी स्पष्ट करेंगे कि कैसे शुक्र ग्रह आपके जीवन को खुशियों से भर देता है ।।
ज्योतिषशास्त्रानुसार शुक्र ग्रह को एक स्त्री ग्रह माना गया है । इस ग्रह के वजह से ही जातक किसी कन्या का पिता बन पाता है । जिस जातक की जन्मकुण्डली में शुक्र ग्रह तीसरे भाव में हो उसे बहन का सुख अवश्य प्राप्त होता है । यदि शुक्र पंचम भाव में हो तो जातक को कन्या रूपी रत्न का सुख प्राप्त होता है । शुक्र के द्वारा ही किसी भी युवक की कुण्डली देख कर यह पता लगाया जा सकता है, कि इस कुण्डली के अनुसार किस तरह की पत्नी मिलेगी ।।
मित्रों, एक बात तो स्पष्ट है, कि शुक्र अशुभ फल ना के बराबर ही देता है । यह कितना भी बुरा क्यों न हो आपकी कुण्डली में आप के जीवन को दोष युक्त अथवा गृहस्थी को दुखमय नहीं कर सकता । संतान उत्पति या गर्भ से सम्बन्धित कोई बात हो अथवा शारिरिक-मानसिक किसी प्रकार के भी कष्ट, विघ्न-बाधाओं की बात हो शुक्र की दशा में आप का जीवन दुखमय नहीं हो सकता ।।
हाँ अगर कदाचित किसी को शुक्र की दशा में जिंदगी से सम्बन्धित परेशानियाँ हों तो शुक्र ग्रह के लिये उपाय जो करने से ठीक हो जाता है । वैसे तो किसी भी ग्रह का यथाविधि शान्ति आदि उपाय करने से आप जीवन सम्बन्धित ग्रहों से आने वाली बाधाओं से बच सकते हैं । परन्तु आप किसी भी ग्रह के स्वभाव एवं स्वभावानुसार उसके शुभाशुभ प्रभाव को नहीं बदल सकते ।।
मित्रों, जिस प्रकार वर्षा हो रही हो तो आप केवल अपने शरीर को भीगने से बचा सकते हैं, बारिश को नहीं रोक सकते । ठीक उसी प्रकार बुरे ग्रहों का उपयुक्त उपाय करके आप अपने आप को बचा सकते हैं ग्रहों को बदल नहीं सकते । शुक्र आपके जीवन को सुन्दर-साफ-स्वच्छ बनाता है । चलिए देखते हैं, कि प्रथम भाव में शुक्र किसी जातक के जन्मकुण्डली में विराजमान हो तो क्या करता है ?।।
प्रथम भाव में शुक्र हो तो जातक अत्यन्त सुन्दर होता है । शुक्र जो कि भौतिक सुखों का दाता माना जाता है, जातक को सदैव सुखी रखता है । शुक्र आचार्य हैं और दैत्यों के गुरु के रूप में प्रतिष्ठित हैं । इसलिये जातक को भौतिक वस्तुओं को सहज ही प्रदान कर देते हैं । शुक्र प्रभावित जातकों को शराब-कबाब आदि से भी कोई परहेज नहीं हो तो भी कोई बात नहीं । ऐसे जातक की रुचि कलात्मक अभिव्यक्तियों में अधिक होती है ।।
मित्रों, शुक्र प्रभावित जातक सजने और संवरने वाले कामों में दक्ष होता है । इन विषयों का व्यवसायीकरण करे तो भी उसमें भी सफल होता है । ऐसा जातक राज कार्यों को बड़ी कुशलता से करता है और राज्य के तरफ से सम्मान एवं आनन्द भी पाता है । ऐसा जातक अपना काम बहुत ही चतुराई से करना और सामने वाले पर हुकुम चलाने की कला में भी निपुण होता है ।।
शुक्र प्रभावित जातक नाटक, सिनेमा और टीवी मीडिया के द्वारा अपनी ही बात को रखने में दक्ष होता है । अपने विलासी आदतों के कारण रोगी भी होता है । परन्तु रोगों पर जल्दी से विजय भी प्राप्त कर लेता है इसीलिए यह जातक अधिक उम्र का होता है । इसके शत्रु भी बहुत होते हैं, परन्तु बिना उनकी परवाह किये यह जातक रति सुख में आनन्दित रहता है और काम सुख के लिये उसे कोई विशेष प्रयत्न भी नहीं करने पडते हैं ।।
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।।। नारायण नारायण ।।।
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