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वैवाहिक जीवन में सुख और कुण्डली का दूसरा घर ।।



वैवाहिक जीवन में सुख और कुण्डली का दूसरा घर ।। Happy marital life And Second Home of Horoscope.

हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,

मित्रों, मैंने अपने पहले एक आर्टिकल के माध्यम से जन्म कुण्डली के प्रथम भाव के विषय में विस्तृत बताया था । अब आज मैं आपलोगों को जन्म कुण्डली के दूसरे घर के विषय में बताता हूँ ।।
जन्मकुण्डली के द्वितीय भाव को वैदिक ज्योतिष में धन स्थान कहा जाता है । किसी भी जातक की कुंडली में इस घर का अपना एक विशेष महत्त्व होता है ।।

इसलिए कोई भी विद्वान् ज्योतिषी किसी भी कुण्डली को देखते समय इस घर का अध्ययन बड़े गौर से करता है और करना भी चाहिए ।।
जन्मकुण्डली का दूसरा घर जातक के द्वारा अपने जीवन काल में संचित किए जाने वाले धन के बारे में बताता है । इसके अलावा यह घर जातक के द्वारा संचित किए जाने वाले सोना, चांदी, हीरे-जवाहरात तथा इसी प्रकार के अन्य बहुमूल्य पदार्थों के बारे में भी बताता है ।।

मित्रों, इतना ही नहीं यह घर केवल धन तथा अन्य बहुमूल्य पदार्थों तक ही सीमित नहीं है, इस घर से जातक के जीवन के और भी बहुत से क्षेत्रों के बारे में जानकारी मिलती है ।।
कुण्डली का दूसरा घर व्यक्ति के बचपन के समय परिवार में हुई उसकी परवरिश तथा उसकी मूलभूत शिक्षा के बारे में भी बताता है ।।

इस घर के मजबूत तथा बुरे ग्रहों की दृष्टि से रहित होने की स्थिति में कुण्डली धारक की बाल्यकाल में प्राप्त होने वाली शिक्षा आम तौर पर अच्छी रहती है ।।
मित्रों, किसी भी व्यक्ति के बाल्य काल में होने वाली घटनाओं के बारे में जानने के लिए इस घर का ध्यानपूर्वक अध्ययन करना आवश्यक होता है ।।

इस घर से जातक की खाने-पीने से संबंधित आदतों का भी पता चलता है । किसी व्यक्ति की कुंडली के दूसरे घर पर नकारात्मक शनि का बुरा प्रभाव उस व्यक्ति को अधिक शराब पीने की लत लगा देता है ।।
मित्रों, दूसरे घर पर नकारात्मक राहु का बुरा प्रभाव व्यक्ति को सिगरेट तथा चरस, गांजा जैसे नशों की लत लगा सकता है । इस घर से व्यक्ति के वैवाहिक जीवन के बारे में भी जाना जा सकता है ।।

इस घर से विशेष रूप से वैवाहिक जीवन की सफलता या असफलता तथा अपने कुटुम्ब के साथ रिश्तों तथा रिश्तों के निर्वाह के बारे में भी पता चलता है ।।
मित्रों, हालांकि कुण्डली का दूसरा घर सीधे तौर पर व्यक्ति के विवाह होने का समय नहीं बताता किन्तु शादी हो जाने के बाद उसके ठीक प्रकार से चलने या न चलने के बारे में इस घर से भी पता लगाया जा सकता है ।।

दूसरे घर से जातक के वैवाहिक जीवन में अलगाव अथवा तलाक जैसी घटनाओं का आंकलन भी किया जाता है । जातक के दूसरे विवाह के योग भी इसी घर से जाना जा सकता है ।।
मित्रों, इस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति के वैवाहिक जीवन से जुड़े कई महत्त्वपूर्ण पक्षों के बारे में जन्मकुण्डली के दूसरे घर से जानकारी प्राप्त होती है ।।

जन्मकुण्डली का ये दूसरा घर जातक की वाणी तथा उसके बातचीत करने के कौशल के बारे में भी बताता है । शरीर के अंगों में यह घर चेहरे तथा चेहरे पर उपस्थित चिन्हों को भी दर्शाता है ।।
मित्रों, कुण्डली के इस घर पर एक या एक से अधिक बुरे ग्रहों का प्रभाव होने की स्थिति में जातक को शरीर के इन अंगों से संबंधित चोटों अथवा बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है ।।

यह घर जातक की सुनने, बोलने तथा देखने की क्षमता को भी बताता है तथा ये सभी अंग ठीक प्रकार से काम करें इसके लिए कुण्डली के इस घर का मज़बूत होना आवश्यक है ।।
जन्मकुण्डली के इस घर से जातक के धन कमाने की क्षमता तथा उसकी अचल सम्पत्तियों जैसे कि सोना, चांदी, नकद धन तथा अन्य बहुमूल्य पदार्थों के बारे में भी पता लगता है ।।

मित्रों, कुण्डली के इस घर पर किसी विशेष बुरे ग्रहों का प्रभाव जातक को जीवन भर कर्जा उठाते रहने पर भी मजबूर कर सकता है तथा कई बार यह कर्जा व्यक्ति की मृत्यु तक भी नहीं उतर पाता ।।
इसीलिए मित्रों, किसी भी व्यक्ति की जन्मकुण्डली देखते समय उसकी कुण्डली के द्वितीय भाव तथा उससे जुड़े सभी तथ्यों पर बहुत ही ध्यानपूर्वक विचार करना चाहिए ।। वास्तु विजिटिंग के लिये तथा अपनी कुण्डली दिखाकर उचित सलाह लेने एवं अपनी कुण्डली बनवाने अथवा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिए संपर्क करें ।।


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