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मृत्यु एवं मृत्युतुल्य कष्ट दे सकता है गलत दिशा में बना आपका सेप्टिक टैंक ।।



मृत्यु एवं मृत्युतुल्य कष्ट दे सकता है आपके घर, ऑफिस, बिल्डिंग एवं आपके फैक्ट्री में बना आपका सेप्टिक टैंक ।। Mrityutulya Kasht Deta Hai Septic tank Ka wrong direction. Astro Classes, Silvassa.

हैल्लो फ्रेंड्सzzzzz.

मित्रों, कुछ दिनों पहले एक घर में वास्तु देखने का अवसर मिला । मैंने वहां आवश्यकता से अधिक नकारात्मकता (निगेटिविटी) का अनुभव किया । सभी लोग दुःखी नजर आ रहे थे और उन सभी के दुःख का मुख्य कारण कुछ महीनों पहले परिवार के युवा लडके की अकस्मात मृत्यु थी । मैंने पुरे घर में घूम-घूमकर घर के वास्तु का निरिक्षण किया तो मुझे कुछ वास्तु दोष स्पष्ट रूप से दिखायी दिया ।।

पहले तो मैंने देखा कि ईशान कोण में बहुत बड़ा सेप्टिक टैंक बना हुआ था, जो बहुत बड़ा दोष वास्तुशास्त्र के अनुसार माना गया है । जहाँ भी जिस घर में भी ईशान कोण में सेप्टिक टैंक मैंने देखा है, वहां इस तरह की परेशानियाँ अक्स़र मैंने देखी है । और यह अक्सर घर के पुरुषों के लिए दोषपूर्ण होता है तथा वहाँ के युवावर्ग अपमृत्यु के शिकार होते हुए भी अक्सर देखे गये हैं ।।

मित्रों, ईशान कोण में बने सेप्टिक टैंक की वजह से घर में बीमारी, एक्सीडेंट, आपरेशन या अकस्मात मृत्यु की सम्भावना बनती है ।  सत्य मानना मित्रों, ईशान कोण में सेप्टिक टैंक अगर आपके घर, बिल्डिंग, फैक्ट्री अथवा आपके किसी भी प्रकार के निवास स्थान बनवाने से पहले इस बात का ध्यान अवश्य रखें अन्यथा इस दोष के वजह से घर में पुरुषों की संख्या धीरे धीरे कम होना शुरू हो जाता है ।।

उस बंगलो में मुझे एक दूसरा और बड़ा गम्भीर दोष दिखा - नैऋत्य कोण में एक बोर था । मित्रों, अगर पानी के लिए खोदा गया कुआँ, किया गया बोर अथवा बोरवेल नैऋत्य कोण में हो तो अक्सर इसका दु:ष्प्रभाव ही देखा गया है, जैसे - मृत्यु या मृत्युतुल्य कष्ट । उक्त मित्र के यहाँ ये दोनों दोष अपना काम कर रहे थे और घर में अचानक घर के चिराग की मौत से सबको एकदम से सदमे में डाल दिया था ।।

मैंने उन्हें निर्देश दिया, की सेप्टिक टैंक को वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) में बनवायें तथा नैऋत्य कोण में जो बोर है, उसमें रेत डालकर पूरी तरह से बंद करने को बोला । घर का पूरा दीवाल रुखड़ा-उखड़ा सा था, जो घर मायूसी पैदा कर रहा था, मैंने कहा पुरे घर को तत्काल सफेद और पीले कलर से पेन्टिंग करवाओ । छत से जगह जगह पानी का सींड लगा था जो नकारात्मक उर्जा का सबसे बड़ा स्रोत माना गया है ।।

मैंने उनको और भी कुछ वास्तुशास्त्र के हल्के और प्रभावी टिप्स बताये । जैसे - घर में लगे गहरे रँग के पर्दों को निकलवाकर हल्के रंग के पर्दे लगाने को कहा । पूर्व और दक्षिण दिशा में अशोक के बड़े बड़े पेड़ सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह से रोक रहे थे । इसलिए सभी बड़े पेड़ों को उपर से काटने एवं सूर्य की उर्जा को बेरोकटोक घर में प्रवेश करवाने को बोला ।।

घर में दिन भर चाहे वो किसी मन्त्र, चालीसा, स्तोत्रों के केसेट लगाकर या फिर किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ के माध्यम से ही सही घर की उर्जा को बढ़ाने की आवश्यकता है । लोगों ने हमारी बात मानी, जिसका परिणाम कुछ ही दिनों में दिखने लगा, घर के लोग फिर से अपने कार्यों में रूचि लेने लगे और पुरानी बातों को भूलने लगे ।।


  
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।।। नारायण नारायण ।।।

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