बने हुये कामों के बिगड़ने एवं स्वप्न के सच होने के योग ।। dream come true And To be defeated Yoga in astrology.
हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,
मित्रों, आज हम बात करेंगे, कि किसी भी ग्रह दशा-अन्तर्दशा में किसी इन्सान के सपने भी सच होते हैं ? अगर हाँ तो ऐसा कब किन स्थितियों में होता है ?।।
इस लेख में आज हम ये भी जानेंगे की हम किसी भी कार्य के लिये जी-जान से परिश्रम करते हैं और हमारी हार हो जाय अथवा हम पराजित हो जाते हैं । ऐसा क्यों होता है इस विषय को भी जानेंगे ।।
मित्रों, वो ग्रह की कौन सी स्थिति होती है जो हमारा सभी बना-बनाया काम बिगाड़ देती है ? वो ग्रह की कौन सी अवस्था होती है जो जातक के जीवन में इस प्रकार की स्थिति को निर्मित करता है ?।।
मित्रों, तो चलिए आपलोगों को बताते हैं, कि कोई भी ऐसा ग्रह जो किसी राशि में किसी घर में बैठा हो और वो उसकी नीच राशी हो । साथ वो भाव अथवा घर जिसमें वो बैठा हो वो कोई अशुभ भाव भी हो तो ऐसा योग बनता है ।।
ज्योतिष में एक प्रचलित कहावत है, कि नीचस्थ ग्रह की दशा में राजा भी पराभव को प्राप्त करता है । अर्थात बड़े-से-बड़े राजा-महाराजा भी ऐसे नीच ग्रहों की दशा में पराजित हो जाते हैं ।।
मित्रों, शून्य बली ग्रहों की दशा अर्थात निर्बल ग्रह की दशा चल रही हो तो लोग स्वप्न और चिंता के फल का भोग करते हैं ।।
ऐसे समय में व्यक्ति को चिन्ता बिलकुल नहीं करनी चाहिये । क्योंकि ऐसे में व्यक्ति जैसा-जैसा सोंचता है वो सब वैसे-वैसे सच होते जाता है ।।
किसी भी तरह के पूजा-पाठ, विधी-विधान, ग्रह दोष शान्ति आदि के लिए तथा बड़े से बड़े अनुष्ठान हेतु योग्य एवं विद्वान् ब्राह्मण हमारे यहाँ उपलब्ध हैं ।।
संपर्क करें:- बालाजी ज्योतिष केन्द्र, गायत्री मंदिर के बाजु में, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा ।।
।।। नारायण नारायण ।।।
हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,
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इस लेख में आज हम ये भी जानेंगे की हम किसी भी कार्य के लिये जी-जान से परिश्रम करते हैं और हमारी हार हो जाय अथवा हम पराजित हो जाते हैं । ऐसा क्यों होता है इस विषय को भी जानेंगे ।।
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मित्रों, तो चलिए आपलोगों को बताते हैं, कि कोई भी ऐसा ग्रह जो किसी राशि में किसी घर में बैठा हो और वो उसकी नीच राशी हो । साथ वो भाव अथवा घर जिसमें वो बैठा हो वो कोई अशुभ भाव भी हो तो ऐसा योग बनता है ।।
ज्योतिष में एक प्रचलित कहावत है, कि नीचस्थ ग्रह की दशा में राजा भी पराभव को प्राप्त करता है । अर्थात बड़े-से-बड़े राजा-महाराजा भी ऐसे नीच ग्रहों की दशा में पराजित हो जाते हैं ।।
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।।। नारायण नारायण ।।।
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