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आज का लेख एवं आज 21 जनवरी 2018 दिन रविवार का पंचाग ।।



बालाजी वेद, वास्तु एवं ज्योतिष विद्यालय, सिलवासा ।।
आज का लेख एवं आज 21 जनवरी 2018 दिन रविवार का पंचाग ।।
आज 21 जनवरी के लिये कुछ विशेष एवं पञ्चांग ।।
Aaj-21-January-ka-Panchang.


विक्रम संवत् - 2074.

संकल्पादि में प्रयुक्त होनेवाला संवत्सर - साधारण.

शक - 1939.

अयन - दक्षिणायन.

गोल - दक्षिण.

ऋतु - हेमन्त.

मास - माघ.

पक्ष - शुक्ल.

गुजराती पंचांग के अनुसार - माघ शुक्ल पक्ष.


तिथि - चतुर्थी 15:34 PM बजे तक उपरान्त पञ्चमी तिथि है ।।

नक्षत्र - शतभिषा 05:31 AM तक उपरान्त पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र है ।।

योग - वरियान 11:16 AM बजे तक उपरान्त परिघ योग है ।।

करण - वणिज 02:56 AM तक उपरान्त विष्टि 15:34 PM बजे तक उपरान्त बव करण है ।।

चन्द्रमा - कुम्भ राशि पर ।।

सूर्योदय - प्रातः 07:17:50

सूर्यास्त - सायं 18:20:50

राहुकाल (अशुभ) - सायं 16:30 बजे से 18:00 बजे तक ।।

विजय (शुभ) मुहूर्त - दोपहर 12.38 बजे से 13.02 बजे तक ।।


चतुर्थी तिथि विशेष - चतुर्थी को मूली एवं पञ्चमी को बिल्वफल त्याज्य बताया गया है । इस तिथि में तिल का दान और भक्षण दोनों त्याज्य होता है । इसलिए चतुर्थी को मूली और तिल एवं पञ्चमी को बिल्वफल नहीं खाना न ही दान करना चाहिए । चतुर्थी तिथि एक खल और हानिप्रद तिथि मानी जाती है । इसके स्वामी गणेश जी हैं तथा रिक्ता नाम से विख्यात यह तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभफलदायिनी मानी गयी है ।।

इस तिथि में तिल का दान और भक्षण दोनों भी त्याज्य है । आज गणपति, गजानन, विघ्नहर्ता श्री गणेशजी की पूजा का विशेष महत्त्व है । आज गणपति की पूजा के उपरान्त मोदक, बेशन के लड्डू एवं विशेष रूप से दूर्वादल का भोग लगाना चाहिये इससे मनोकामना की सिद्धि तत्काल होती है ।।

मित्रों, ज्योतिष शास्त्रानुसार जिस व्यक्ति का जन्म चतुर्थी तिथि को होता है वह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है । चतुर्थी तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति बुद्धिमान एवं अच्छे संस्कारों वाला होता है । ऐसे लोग अपने मित्रों के प्रति प्रेम भाव रखते हैं तथा इनकी सन्तानें अच्छी होती है । इन्हें धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है और ये सांसारिक सुखों का पूर्ण उपभोग करते हैं ।।


मित्रों, आज रविवार को सुबह भगवान सूर्य को ताम्बे के एक लोटे में लाल चन्दन, गुड़ और लाल फुल मिलाकर अर्घ्य इस मन्त्र से प्रदान करें । अथ मन्त्रः- एही सूर्य सहस्रांशो तेजो राशे जगत्पते । अनुकम्प्य मां भक्त्या गृहाणार्घ्य दिवाकर ।। अथवा गायत्री मन्त्र से भी सूर्यार्घ्य दे सकते हैं ।।

इसके बाद आदित्यह्रदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिये । भोजन में मीठा भोजन करना चाहिये नमक का परित्याग करना अत्यन्त श्रेयस्कर होता है । इस प्रकार से किया गया रविवार का पूजन आपको समाज में सर्वोच्च प्रतिष्ठा एवं अतुलनीय धन प्रदान करता है । क्योंकि सूर्य धन और प्रतिष्ठा का कारक ग्रह है ।। 

दिशाशूल - रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो पान एवं घी खाकर यात्रा कर सकते है ।।

रविवार का विशेष - रविवार के दिन तेल मर्दन करने से ज्वर (बुखार लगता) होता हैं - (मुहूर्तगणपति) ।।

रविवार को क्षौरकर्म (बाल, दाढी अथवा नख काटने या कटवाने) से बुद्धि और धर्म की हानि होती है । (महाभारत अनुशासनपर्व) ।।

विशेष जानकारी - मित्रों, रविवार के दिन, चतुर्दशी एवं अमावस्या तिथियों में तथा श्राद्ध एवं व्रत के दिन स्त्री सहवास नहीं करना चाहिये । साथ ही तिल का तेल, लाल रंग का साग तथा कांसे के पात्र में भोजन करना भी शास्त्रानुसार मना है अर्थात ये सब नहीं करना चाहिये ।।


मित्रों, रविवार सप्ताह का प्रथम दिन होता है, इसके अधिष्ठात्री देव सूर्य को माना जाता है । इस दिन जिस व्यक्ति का जन्म होता है वह व्यक्ति तेजस्वी, गर्वीले और पित्त प्रकृति के होते है । इनके स्वभाव में क्रोध और ओज भरा होता है तथा ये चतुर और गुणवान होते हैं । इस दिन जन्म लेनेवाले जातक उत्साही और दानी होते हैं तथा संघर्ष की स्थिति में भी पूरी ताकत से काम करते हैं ।।

रविवार को जन्म लेनेवाले जातक सुन्दर एवं गेंहूए रंग के होते हैं । इनमें तेजस्विता का गुण स्वाभाविक ही होता है । महत्वाकांक्षी होने के साथ ही प्रत्येक कार्य में जल्दबाजी करते है और सफल भी होते हैं । उत्साह इनमें कूट-कूट कर भरा होता है तथा ये परिश्रम से कभी भी घबराते नहीं हैं । ये हर कार्य में रूचि लेने वाले होते हैं परन्तु ये लोग समय के पाबंद नहीं होते । ये जातक अपना करियर किसी भी क्षेत्र में अपने कठिन परिश्रम से बनाने की क्षमता रखते हैं । इनका शुभ दिन रविवार तथा शुभ अंक 7 होता है ।।

आज का सुविचार - मित्रों, गलती कबूल़ करने और गुनाह छोङने में कभी देर ना करना । क्योंकि सफर जितना लंबा होगा वापसी उतनी ही मुशिकल हो जाती हैं । दुनिया में सिर्फ माँ-बाप ही ऐसे हैं जो बिना किसी स्वार्थ के प्यार करते हैं । कोई देख ना सका उसकी बेबसी जो सांसें बेच रहा हैं गुब्बारों में डालकर ।।


सूर्य की महादशा में मंगल विजय और बुध कुष्ठ रोग देता है ।।....  आज के इस पुरे लेख को पढ़ने के लिये इस लिंक को क्लिक करें....  वेबसाईट पर पढ़ें:   &  ब्लॉग पर पढ़ें:

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।।। नारायण नारायण ।।।

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