सम्पूर्ण सांसारिक सुख देता है देवगुरु बृहस्पति ।। Brihaspati Sansarik Sukh Deta Hai.
हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,
मित्रों, बृहस्पति अर्थात देवगुरु विद्या और बुद्धि के स्वामी ग्रह हैं । इस ग्रह से संबंधित लोग अध्ययन, अध्यापन, स्वर्ण के व्यवसाय, आध्यात्म, राजनीति, प्रबंधन, मुद्रा क्रय-विक्रय, चिकित्सा, इंजिनियरिंग, कूटनीतिक सलाहकार, राजदूत इत्यादि क्षेत्रों में आसानी से सफलता अर्जित करते हैं ।।
पुरूष की कुण्डली में जहां शुक्र सांसारिकता और दैहिक सुख के लिए देखा जाता है । वहीं स्त्री जातक के लिए गुरू महत्वपूर्ण होता है । स्त्री जातक के लिए गुरु उसके पति की प्रगति और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है ।।
जिस स्त्री जातक की कुण्डली में बृहस्पति शुभ स्थान और शुभ प्रभाव में होता है तो उसे सामाजिक मान-सम्मान तथा ऊँचे पद-प्रतिष्ठा और सांसारिक सुख सहजता से मिलता है ।।
बृहस्पति खराब होने पर स्त्री जातक को अपमान और उपेक्षा झेलनी पड़ सकती है । ऎसे में अधिकांश स्त्री जातकों को गुरू का रत्न पुखराज पहनने की सलाह दी जाती है ।।
पुखराज रत्न सोने की अंगूठी में पहनने से गुरू का प्रभाव बढ़ जाता है । जिन जातकों के गुरू मारक या बाधक स्थान का स्वामी होता है, उनके अलावा सभी स्त्री जातकों को बेधड़क पुखराज पहनाया जा सकता है ।।
मित्रों, अगर गुरू ग्रह अशुभ फल दे रहा हो तो उसकी शांति हेतु "ऊँ ज्ञां ज्ञीं ज्ञूं स: गुरूवे नम: स्वाहा:" इस मन्त्र का जप शुक्ल पक्ष के गुरूवार को पीतल के बर्तन में जल भरकर पूर्व दिशा की तरफ मुख करके 9 माला करें ।।
उपरोक्त मन्त्र का जप जब पूर्ण हो जाय तो फिर पीतल के बर्तन में रखा जल पी लें । मंदिर में पुजारी को बेसन के लडडू प्रसाद के रूप में दान में दें ।।
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पुरूष की कुण्डली में जहां शुक्र सांसारिकता और दैहिक सुख के लिए देखा जाता है । वहीं स्त्री जातक के लिए गुरू महत्वपूर्ण होता है । स्त्री जातक के लिए गुरु उसके पति की प्रगति और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है ।।
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