कुण्डली में मंगल नीच का एवं पाप प्रभाव में हो तो क्या करें ।। Nich And Pap Prabhavi Mangal Ho to kya Kare.
हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,
मित्रों, आज हम कुण्डली में मंगल के पाप प्रभाव में अथवा नीच का होकर अशुभ फलदायी होने पर क्या फल देता है ? तथा ऐसी स्थिति में हम क्या करें कि हमें शुभ फल की प्राप्ति हो ।।
मंगल सेना पति होता है, भाई का भी द्योतक और रक्त का भी करक माना गया है । इसकी मेष और वृश्चिक राशि होती है । कुण्डली में मंगल के अशुभ होने पर भाई एवं पटीदारों से विवाद हो सकता है ।।
रक्त सम्बन्धी समस्या, नेत्र रोग, उच्च रक्तचाप, क्रोधित होना, उत्तेजित होना, वात रोग और गठिया हो जाता है । रक्त की कमी या खराबी वाला रोग हो जाता ।।
जातक अत्यन्त क्रोधी स्वभाव का हो जाता है । मान्यता यह भी है, कि बच्चे जन्म लेते ही मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं । विशेषत: जब मंगल लग्न या द्वितीय भाव को प्रभावित करें तब ऐसा विशेषकर होता है ।।
इतना ही नहीं कुण्डली में मंगल यदि नीच का हो अथवा पाप प्रभाव में हो और कुण्डली में बृहस्पति भी कमजोर हो तो जातक अत्यन्त उत्पाती, क्रोधी होगा, तोड़फोड़ करेगा तथा चोरी की भी आदत हो सकती है ।।
ऐसे जातकों की सतत काउंसलिंग करवानी चाहिये, अच्छे संस्कार देना चाहिये तथा मंगल से सम्बंधित द्रव्यों का दान करना चाहिये ।।
ऐसे मंगल की शान्ति हेतु ताँबा, गेहूँ एवं गुड, लाल कपडा तथा माचिस आदि का दान करें । तंदूर की मीठी रोटी का दान भी करना लाभदायी होता है । बहते पानी में रेवड़ी एवं बताशा बहाएँ तथा मसूर की दाल दान में दें ।।
हनुमद आराधना करना, हनुमान जी को चोला अर्पित करना, हनुमान मंदिर में ध्वजा दान करना, बंदरो को चने खिलाना, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमानाष्टक, सुंदरकांड का पाठ और ॐ अं अंगारकाय नमः का १०८ बार नित्य जप करना श्रेयस्कर होता है ।।
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मित्रों, आज हम कुण्डली में मंगल के पाप प्रभाव में अथवा नीच का होकर अशुभ फलदायी होने पर क्या फल देता है ? तथा ऐसी स्थिति में हम क्या करें कि हमें शुभ फल की प्राप्ति हो ।।
मंगल सेना पति होता है, भाई का भी द्योतक और रक्त का भी करक माना गया है । इसकी मेष और वृश्चिक राशि होती है । कुण्डली में मंगल के अशुभ होने पर भाई एवं पटीदारों से विवाद हो सकता है ।।
रक्त सम्बन्धी समस्या, नेत्र रोग, उच्च रक्तचाप, क्रोधित होना, उत्तेजित होना, वात रोग और गठिया हो जाता है । रक्त की कमी या खराबी वाला रोग हो जाता ।।
जातक अत्यन्त क्रोधी स्वभाव का हो जाता है । मान्यता यह भी है, कि बच्चे जन्म लेते ही मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं । विशेषत: जब मंगल लग्न या द्वितीय भाव को प्रभावित करें तब ऐसा विशेषकर होता है ।।
इतना ही नहीं कुण्डली में मंगल यदि नीच का हो अथवा पाप प्रभाव में हो और कुण्डली में बृहस्पति भी कमजोर हो तो जातक अत्यन्त उत्पाती, क्रोधी होगा, तोड़फोड़ करेगा तथा चोरी की भी आदत हो सकती है ।।
ऐसे जातकों की सतत काउंसलिंग करवानी चाहिये, अच्छे संस्कार देना चाहिये तथा मंगल से सम्बंधित द्रव्यों का दान करना चाहिये ।।
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