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रोग एवं गम्भीर बीमारी जानना एवं ग्रहों की उपासना से उसका आसान इलाज ।। Disease, treatment and astrology.

हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,


मित्रों, आइये आज कुछ अलग विषय पर चर्चा करते हैं । तो चलिए आज मैं आपलोगों को बताता हूँ, की शारीर के किस अंग में कौन सा ग्रह क्या एवं किस प्रकार के रोगों को देता है ।।

दोस्तों, मेष राशि का स्वामी ग्रह मंगल है । मंगल मस्तिष्क की कारक ग्रह है, वैसे गुरु भी मस्तिष्क का कारक ग्रह हैं । सामान्यतः ज्योतिषीय सिद्धांतानुसार मंगल मकर राशि में 28 अंश पर उच्च का होता है तथा कर्क राशि में नीच का ।।

सामान्यतया मंगल का खूनी स्वभाव और लाल रंग होता हैं । यह जातक के मस्तिष्क, मेरूदण्ड तथा शरीर की आंतरिक तंत्रिकाओं पर विपरीत प्रभाव डालता है । किसी कुण्डली में इसकी राशी लग्न में स्थित हो और मंगल नीच का हो या बुरे ग्रहों की इस पर दृष्टि हो तो ऎसा जातक उच्च रक्तचाप का रोगी हो सकता है ।।

ऐसे जातक को लगभग आजीवन छोटी-मोटी चोटों का सामना करना पड़ सकता है । सीने में दर्द की शिकायत हो सकती है और ऎसे जातक को जहरीले जानवर के काटने का भय सदैव मन में बना रहता है ।।

ऎसे जातक का आत्म विश्वास कमजोर हो जाता है और उसकी शारीरिक शक्ति क्षीण होती चली जाती है । मानसिक दुर्बलता के वजह से ऐसा जातक अनावश्यक रूप से विविध प्रकार की मानसिक बीमारियों का शिकार हो जाता है ।।

मित्रों, लेख बहुत लम्बा हो जाता है, इस बात के लिए लोग बार-बार मुझे मैसेज बॉक्स में कहते रहते हैं । पर मैं क्या करूँ ? कोई भी विषय लूँ तो लम्बा हो ही जाता है । इसलिए आज सिर्फ दो ही राशियों के विषय में बताउँगा वृषभ राशि के बारे में और बताता हूँ ।।

वृषभ राशि का स्वामी शुक्र होता है और यह मुख की कारक राशि होतो है । अगर ये राशी किसी जन्मकुण्डली में लग्न में स्थित हो तो इसके कारक ग्रह शुक्र, बुध और शनि बनते हैं । शुक्र 27 अंश पर मीन राशी में उच्च (परमोच्चांश का) तथा कन्या राशि में नीच का (अपने परम नीचांश) होता हैं ।।

शुक्र ग्रह कलात्मक गुणों से भरपूर एवं प्रेम रस का कारक ग्रह है तथा इसका रंग सफेद और भूमि एवं वायु से युक्त होता है । वृषभ राशि यदि लग्न में स्थित हो और स्वयं शुक्र या राशी के कारक ग्रह नीच के हो तो जातक हमेशा नियमों के खिलाफ चलने वाला होता है ।।

ऎसे जातक को मुख से सम्बन्धित बीमारी जैसे - मुँह में छाले होना, तुतलाकर बोलना आदि की शिकायत अधिकांशतः रहती है । ऐसे जातक की जो संतानें होती हैं, उन्हें लगभग आजीवन बुरे स्वास्थ्य का सामना करना प़डता है ऐसा देखा गया है ।।

ये प्रक्रिया जारी रहेगी, यदि आपलोगों का सहयोग रहा तो आगे बाकि के सभी राशियों के विषय में भी इसी तरह स्पष्टीकरण के साथ किस लग्न की कुण्डली में कौन सा ग्रह किस प्रकार की बीमारी जातक को देता है बताने का प्रयास करेंगे ।।

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।। नारायण नारायण ।।

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