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सौभाग्यवती स्त्रियाँ साक्षात् माँ लक्ष्मी की अंशस्वरूपा होती हैं ।। Suhagini Stri Lakshmi Swarupa Hoti Hai.

हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,

मित्रों, पत्नियों के उपर तरह-तरह के कमेन्ट्स हम प्रतिदिन फेसबुक, ट्विटर आदि पढ़ते रहते हैं । परन्तु आज मैं आपलोगों को ये बात स्पष्टता पूर्वक कहना चाहता हूँ.......

कि घर की स्त्रियाँ अर्थात् पत्नियाँ अर्थात् घर की सौभाग्यवती स्त्रियाँ साक्षात् माँ लक्ष्मी की अंशस्वरूपा होती हैं । सौभाग्यवती स्त्रियों मेँ लक्ष्मी का अंश विद्यमान होता ही है ।।

मित्रों, भगवान (देवी-देवताओं) के नज़रों में सभी समान होते हैं, चाहे वो उच्च कुल के हों अथवा फिर नीच कुल के । चाहे कोई धनी हो अथवा निर्धन, सत्संगी हो अथवा पापी सभी उसकी नजर में समान होते हैं ।।

प्रतिदिन सायंकाल के समय भगवान लक्ष्मीनारायण सभी के घर आते हैं । सायंकाल के समय यदि घर बन्द होगा तो लक्ष्मी जी भगवान का नाम जपती हुई वापस चली जाती हैं ।।

मित्रों, आजकल तो कुछ तथाकथित (Well Educated) सुधरे हुए लोग शाम को ही घर में ताला लगाकर बाहर निकल जाते हैं । अगर घूमने जाना ही हो तो सूर्यास्त से पहले घर वापस आ जायँ ।।

घर के स्त्रियोँ को चाहिए कि शाम को घर के बाहर भटकती न फिरेँ । सन्ध्या समय तुलसी की पूजा करेँ और वहाँ दीपक जलाएँ । भगवान के आगे धूप दीप जलाएँ ।।

मित्रों, ईश्वर परप्रकाशी नहीं है बल्कि वह तो स्वयंप्रकाशी है । इसलिए परमात्मा को दीपक की आवश्यकता नहीं होती है । दिये की जरुरत मानव को होती है ।।

क्योंकि मनुष्य के हृदय में अज्ञान का अन्धकार होता है इसलिए वहाँ ज्ञान का प्रकाश जरुरी होता है । सायंकाल में सूर्य एवं चन्द्र के तेज क्षीण होते है एवं दुर्बल होते हैँ ।।

मित्रों, सूर्य बुद्धि एवं चन्द्रमा मन के स्वामी होते हैं । मन एवं बुद्धि के स्वामी सूर्य और चन्द्र के सायंकाल मेँ दुर्बल होने के कारण मन और बुद्धि मेँ उस समय काम प्रवेश कर जाता है ।।

ये बात पूर्णतः शास्त्र सम्मत है, कि सायंकालीन बेला में इंसान के मन में काम मेँ प्रवेश करता है और रात्रि को प्रकट होता है । इसलिए सन्तजन कहते हैं, कि सन्ध्याकाल मेँ भगवन्नाम का जप करने से मन में काम प्रवेश नहीं करता ।।

मित्रों, जिस घर की स्त्रियों में संस्कार होता है जो सायंकालीन बेला में पूजन आरती नित्य करती हुई भगवान को मिलती हैं उन स्त्रियों के लक्षणों में पूर्णतः प्रवेश कर जाती हैं माँ लक्ष्मी और घर में सम्पूर्ण खुशहाली आ जाती है ।।

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।। नारायण नारायण ।।

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