मित्रों, समुद्र मंथन के समय भगवान विष्णु चिंता में थे तब महाशक्ति योगमाया प्रगट हुई । शक्ति ने भगवान से पूछा कि प्रभु आप किस चिन्ता में डूबे है ? भगवान ने कहा देवी समुद्र मंथन होने वाला है और असुर ही देवों पर भारी जान पड़ रहे है । क्योंकि असुर सदैव माया और छल का ही सहारा लेकर जीतते रहे हैं ।। देवी ! यहाँ तो अमृत निकलने वाला है, कहीं वो भी न छीन लें इसी बात की मुझे चिन्ता लगी हुई है । तब माँ महाशक्ति योगमाया ने कहा भगवन् ! मैं आपकी चिंता के निवारण के लिए अपने सूक्षम रूप में आप में वास कर सकती हूँ ।। मित्रों, महाशक्ति योगमाया ने एक सुंदर मोहिनी रूप धारण किया और भगवान विष्णु में समां गयीं । फलस्वरूप भगवान का वो रूप इतना सुंदर हो गया कि सारा ब्रह्मांड उस रूप के सम्मोहन में स्तब्ध रह गया ।। इस ब्रह्मांड में उस रूप जैसा कोई सुंदर रूप नहीं था । एवं उसके बाद आज तक भी कोई वैसी सुंदर स्त्री नहीं हो सकी । इसीलिए उस स्वरूप को विश्व मोहिनी स्वरूप कहते है ।। आज हम उसी महाशक्ति के विषय में चर्चा करेंगे जिसका आवाहन कर भगवान ने विश्व मोहिनी रूप धरा था । तथा जब देवताओं से अमृत छीन लिया गया तो इसी स्वरूप से भगवान ने देवताओं को अमृत पिलाया था ।। देवी मोहिनी की कृपा से व्यक्ति अपने हर प्रकार के इच्छाओं को पूरा कर सकता है । जीवन में भौतिक सुखों की कामना हर एक मनुष्य को रहती है ।।
अपनी उन कामनाओं की पूर्ति के लिए कोई भी मनुष्य मोहिनी देवी की साधना कर सकता है । देवी मोहिनी सभी पापों से मुक्त कर साधक को अपूर्व सौन्दर्य और सम्मोहन प्रदान करती है ।। मित्रों, अगर आप किसी से प्रेम करते हैं तो उस प्रेम की प्राप्ति के लिए भगवान के उस विश्वमोहिनी स्वरूप की उपासना कर सकते हैं । देवी योगमाया का यह स्वरूप वास्तव में प्रेम प्रदान करने वाला है ।। प्रेम विवाह में सफलता प्रदान करने वाली देवी माँ महामाया है क्योंकि देवी के इस स्वरूप में अतुलनीय आकर्षण शक्ति है । जब भगवान शिव ने इस रूप को देखा तो अपना आपा खो बैठे थे ।। इस स्वरूप में इतनी आकर्षण शक्ति है कि जिसको देख कर भगवान शिव भी इसके पीछे-पीछे चले गए थे । देवी योग माया का विश्व मोहिनी स्वरूप अपूर्व सौन्दर्य एवं सम्मोहन प्रदान करने वाला है ।। इनकी कृपा से व्यक्ति के बोल-चाल का ढंग बदल जाता है । उस में गज़ब का सम्मोहन आ जाता है । वाणी और दृष्टि में सम्मोहन यहाँ तक की उसे जो भी देखता है वही सम्मोहित हो जाता है ।। किसी भी प्राणी में आकर्षण शक्ति का संचार देवी योगमाया ही करती है । देवी के इस स्वरूप का आशिर्वाद मिलने मात्र से ही व्यक्ति में आकर्षण शक्ति पैदा हो जाती है ।। अगर आपके रिश्तों में मधुरता नहीं है घर में पति-पत्नी में आपसी मन मुटाव है तो आप इस साधना से अपनी समस्या को दूर कर सकते हैं और अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं ।। मित्रों, यह साधना आपस में प्रेम पैदा करके रिश्तों में मधुरता लाती है । इसे स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते है । यह साधना स्त्रियों में भी सौन्दर्य और सम्मोहन पैदा करती है ।। स्त्रियों को तनाव मुक्त तथा कठिन से कठिन परस्थितियों से निकाल देती है यह साधना । इसके साथ ही अगर कोई आपके किसी काम में अड़चनें खड़ी करता हो बात नहीं मान रहा हो चाहे फिर वो कोई उच्चाधिकारी ही क्यों न हो उसे भी आपके कदमों में झुकाने में समर्थ है यह साधना ।। साधना की विधि:- सर्वप्रथम अपने गुरु का पूजन कर आशीर्वाद लें फिर भगवान गणपति का पूजन कर आज्ञा लें और फिर देवी का पूजन करें ।। लाल रंग के आसान पर लाल रंग के वस्त्र धारण कर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें । एक चौकी पर लाल वस्त्र के उपर देवी की मूर्ति स्थापित करें ।। अगर देवी योगमाया की मूर्ति न मिले तो देवी दुर्गा की मूर्ति का ही स्थापन कर लें । फिर उसे सुगन्धित द्रव्यादि से स्नान करायें और इत्र तथा चुनरी चढ़ायें ।।
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