आपने देखा होगा कई बार कई महिलाओं का व्यवहार असामान्य सा प्रतीत होता है । ऐसी स्थितियों में कभी-कभी उन्हें झेलना बहुत ही मुश्किल सा हो जाता है । लगता है जैसे उन्हें किसी ने कुछ सिखा दिया हो । कभी-कभी तो ऐसे-ऐसे बहाने बनाती है जो समझ से भी परे होता है । उनका स्वाभाव ही बुरा होता है, ऐसी बात बिलकुल नहीं होता । हो सकता है, ग्रहों की अच्छे अथवा बुरे प्रभाव के करण भी ऐसा होता हो ।।
जब मंगल पापी और क्रूर ग्रहों का साथ होता है तो स्त्री को मान-मर्यादा भूलने वाली, क्रूर और हृदय हीन महिला बना देता है । मंगल रक्त और स्वभाव में उत्तेजना, उग्रता और आक्रामकता लाता है । यही कारण है, कि कुण्डली में विवाह से संबंधित भावों जैसे द्वादश, लग्न, द्वितीय, चतुर्थ, सप्तम व अष्टम भाव में मंगल की स्थिति को विवाह और दांपत्य जीवन के लिए अशुभ माना जाता है ।।
कमजोर मंगल वाली स्त्रियाँ हाथ में सदैव कलावा बांध कर रखे और भोजन करने के बाद थोड़ा सा गुड़ जरुर खाये । ताम्बे के गिलास में पानी पियें और अनामिका में ताम्बे का छल्ला पहनकर रखें । जिन स्त्रियों की जन्मकुण्डली में मंगल उग्र स्थिति में होता है उनको लाल रंग के वस्त्रादि कम धारण करना चाहिये ।।
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।।। नारायण नारायण ।।।
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