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चन्द्रमा के शुभाशुभ प्रभाव से प्रभावित महिलाओं के लक्षण ।।



चन्द्रमा के शुभाशुभ प्रभाव से प्रभावित महिलाओं के लक्षण ।। Chandrama Se Prabhavit Mahilaon Ke Lakshan.
हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,

मित्रों, वैसे तो सौरमंडल के सभी ग्रह धरती के सभी प्राणियों पर एक जैसा ही प्रभाव डालते हैं । लेकिन सभी प्राणियों का रहन सहन और प्रवृत्ति या प्रकृति एक दूसरे से भिन्न होती है । सोंचने वाली बात है, कि आखिर ऐसा क्यों होता है ? परन्तु आज मैं सिर्फ महिलाओं पर ग्रहों के प्रभाव के क्रम में सूर्य का महिलाओं पर शुभाशुभ प्रभाव का वर्णन कर रहा हूँ ।। आपने देखा होगा कई बार कई महिलाओं का व्यवहार असामान्य सा प्रतीत होता है । ऐसी स्थितियों में कभी-कभी उन्हें झेलना बहुत ही मुश्किल सा हो जाता है । लगता है जैसे उन्हें किसी ने कुछ सिखा दिया हो । कभी-कभी तो ऐसे-ऐसे बहाने बनाती है जो समझ से भी परे होता है । उनका स्वाभाव ही बुरा होता है, ऐसी बात बिलकुल नहीं होता । हो सकता है, ग्रहों की अच्छे अथवा बुरे प्रभाव के करण भी ऐसा होता हो ।।

मित्रों, चलिए आज चन्द्रमा के प्रभाव का शुभाशुभ फल जानते हैं । किसी भी व्यक्ति की कुण्डली में चंद्रमा एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है । स्त्री की कुंडली में इसका महत्व और भी अधिक है । चन्द्र राशि से ही स्त्रियों का स्वभाव, प्रकृति, गुण -अवगुण आदि निर्धारित होते है ।। चंद्रमा माता, मन, मस्तिष्क, बुद्धिमत्ता, स्वभाव, जननेन्द्रियाँ, प्रजनन सम्बंधी रोगों, गर्भाशय अंडाशय, मूत्र -संस्थान, छाती और स्तन का कारक ग्रह है । इसके साथ ही स्त्री के मासिक -धर्म, गर्भाधान एवं प्रजनन आदि महत्वपूर्ण क्षेत्र भी इसके अधिकार क्षेत्र में ही आते हैं ।।

चंद्रमा मन का कारक है, इसका निर्बल और दूषित होना मन एवं मति को भ्रमित कर किसी भी इंसान को पागल तक बना सकता है । कुण्डली में चंद्रमा की कैसी स्थिति होगी यह किसी भी महिला के आचार -व्यवहार से जाना जा सकता है । अच्छे चंद्रमा की स्थिति में कोई भी महिला खुश-मिजाज होती है ।। चेहरे पर चंद्रमा की तरह ही उजाला होता है । यहाँ गोरे रंग की बात नहीं की गयी है क्योंकि चंद्रमा की विभिन्न ग्रहों के साथ युति का अलग -अलग प्रभाव हो सकता है । कुण्डली का अच्छा चंद्रमा किसी भी महिला को सुहृदय, कल्पनाशील और एक सटीक विचारधारा युक्त बनाता है ।।

अच्छा चन्द्रमा किसी भी महिला को धार्मिक और जनसेवी बनाता है । लेकिन किसी महिला की कुण्डली में यही चन्द्र नीच का हो या किसी पापी ग्रह के साथ अथवा अमावस्या का जन्म को या फिर क्षीण हो तो महिला सदैव भ्रमित ही रहती है । उसको लगता है कि कोई उसका पीछा कर रहा है या कोई भूत-प्रेत का साया उसको परेशान कर रहा है ।। कमजोर या नीच का चन्द्रमा किसी महिला को भीड़ से परे रखता है एवं धीरे-धीरे एकांतवासी बना देता है । महिला को एक चिंता सी सताती रहती है जैसे कोई अनहोनी होने वाली है । बात-बात पर रोना या हिस्टीरिया जैसी बीमारी से भी ग्रसित हो सकती है । बहुत चुप रहने लगती है या बहुत ज्यादा बोलना शुरू कर देती है । ऐसे में तो घर-परिवार और आस पास का माहौल खराब होता ही है ।।

बार-बार हाथ धोना, अपने बिस्तर पर किसी को हाथ नहीं लगाने देना और देर तक नहाना भी कमजोर चन्द्र की निशानी है । ऐसे में जन्म-कुण्डली का अच्छी तरह से विश्लेषण करवाकर उपाय करवाना चाहिए । वैसे इन उपायों को आजमा सकते हैं, जैसे अगर किसी महिला के पास उसकी कुण्डली न हो तो शिव आराधाना, अच्छा मधुर संगीत सुनें, कमरे में अँधेरा न रखें, हल्के रंगों का प्रयोग करें ।। पानी में केवड़े का एसेंस डाल कर पियें, सोमवार को एक गिलास दूध और एक मुट्ठी चावल का दान किसी शिव मंदिर में करे । घर की बड़ी उम्र की महिलाओं के रोज चरण-स्पर्श करते हुए उनका आशीर्वाद लेवे । छोटे बच्चों के साथ बैठने से भी चंद्रमा अनुकूल होता है ।। वास्तु विजिटिंग के लिये तथा अपनी कुण्डली दिखाकर उचित सलाह लेने एवं अपनी कुण्डली बनवाने अथवा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिए संपर्क करें ।।


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