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कुण्डली में बुध ग्रह वक्री हो तो क्या फल देता है ।।

कुण्डली में बुध ग्रह वक्री हो तो क्या फल देता है ।। kundali Me Vakri Budh ka fal.


हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,

मित्रों, बुध बैद्धिक क्षमता का स्वामी ग्रह माना जाता है । यह व्यापार में चतुरता प्रदान करता है । इस ग्रह से संबंधित लोग शेयर बाजार, कमोडिटी, सोना-चांदी के बिजनेस, वकालत, सेल्स आदि में बेहतर प्रदर्शन करते हैं ।।

ये बहुत अच्छे टेक्निकल ऐनालिस्ट, अर्थशास्त्री और बाजार के समीक्षक होते हैं । पत्रकारिता जगत में भी अनुकूल बुध वाले लोग सफलता प्राप्त कर लेते हैं । बुध अनुकूल न हो तो उसकी शान्ति के लिए आप यह उपाय कर सकते हैं ।।

मित्रों, बुध वक्री होने पर उसके शुभ या अशुभ फल देने के स्वभाव में कोई अंतर नहीं आता । किसी कुंडली विशेष में सामान्य रूप से शुभ फल देने वाले बुध वक्री होने की स्थिति में भी उस कुंडली में शुभ फल ही प्रदान करेंगे ।।

साथ ही किसी कुंडली विशेष में सामान्य रूप से अशुभ फल देने वाले बुध वक्री होने की स्थिति में भी उस कुंडली में अशुभ फल ही प्रदान करेंगे । किन्तु वक्री होने से बुध के व्यवहार में कुछ बदलाव अवश्य आ जाते हैं ।।

वक्री बुध आम तौर पर कुंडली धारक की बातचीत करने की क्षमता तथा निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित कर देते हैं । ऐसे लोग आम तौर पर या तो सामान्य से अधिक बोलने वाले होते हैं या फिर बिल्कुल ही कम बोलने वाले ।।

कई बार ऐसे लोग बहुत कुछ बोलना चाह कर भी कुछ बोल नहीं पाते । परन्तु कई बार कुछ न बोलने वाली स्थिति में भी बहुत कुच्छ बोल जाते हैं । ऐसे लोग वक्री बुध के प्रभाव में आकर जीवन में अनेक बार बड़े अप्रत्याशित तथा अटपटे से लगने वाले निर्णय ले लेते हैं ।।

जो परिस्थितियों के हिसाब से लिए जाने वाले निर्णय के एकदम विपरीत हो सकते हैं । साथ ही जिनके लिए कई बार ऐसे लोग बाद में पछतावा भी करते हैं । किन्तु वक्री बुध के प्रभाव में आकर ये लोग अपने जीवन में ऐसे निर्णय लेते ही रहते हैं ।।

इन बदलावों के अतिरिक्त आम तौर पर वक्री बुध अपने सामान्य स्वभाव की तरह ही आचरण करते हैं । परन्तु अशुभ बुध से शुभ फल प्राप्ति हेतु तोता पालना चाहिये । क्योंकि तोता पलने से भी बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है ।।

बुध के दुष्प्रभाव निवारण के लिए जिस भी टोटकों को किया जाय उसके लिए बुधवार का दिन, बुध के नक्षत्र (आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती) तथा बुध की होरा में अधिक शुभ होते हैं ।।

बुध ग्रह शांति हेतु बुध के इस मन्त्र का "ऊँ ब्रां, ब्रीं, ब्रूं स: बुधाय नम: स्वाहा:" जप बुधवार के दिन कुशासन बिछाकर उस पर हरे रंग का वस्त्र रखकर उत्तर दिशा की तरफ मुख करके पांच माला उपरोक्त मंत्र का जप करें, फिर सायंकाल तीन बच्चों को मूंग की दाल से बना हलुआ और पकौड़ी खिलायें ।।

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