हथेली में विवाह रेखा देखकर जानिए कब होगी आपकी शादी ।। Vivah Rekha Se Shadi Ki Tarikh.
हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,
मित्रों, शादी के बिना समाज में स्त्री और पुरुष का रिश्ता मान्य नहीं होता । जीवन में विवाह के बारें में सटीक भविष्यवाणी करनी हो तो हाथों में विवाह की रेखा का गहराई से अध्ययन करना पड़ता हैं ।।
शादी एक ऐसा लड्डू है, कि जिसने खाया वो भी और जिसने न खाया वो भी दोनों ही पछताते हैं । लेकिन सबसे पहला सवाल है, कि कहां होती हैं विवाह रेखा ? विवाह रेखा कनिष्ठिका अर्थात सबसे छोटी ऊंगली के नीचे होती है ।।
हस्तरेखा में जहाँ बुध पर्वत होता है, वहीँ जो आड़ी सी रेखा होती हैं उसे ही विवाह रेखा कहते हैं । यह कई जातकों के हाथों में एक तो कई के हाथों में कई भी होती है । यह अनेकों रेखायें अनेकों संबंधों का प्रतिक माना जाता है ।।
परन्तु एक से अधिक विवाह रेखायें विवाह के लिए वही रेखा मान्य होती है जो सबसे अधिक गहरी और स्पष्ट होती है । बाकि रेखा संबंधों के बिछड़ने या टूटने के संकेत देती है । अर्थात प्रेम संबंधों के विषय में ऐसी रेखाओं का मतलब है, अनेकों प्रेम सम्बन्ध हो सकते हैं ।।
अधिक विवाह रेखाएं तलाक, विवाहोत्तर संबंध, बेवफा रिश्तों आदि की संकेतक होती है । अगर दो विवाह रेखाएं हैं और एक स्पष्ट बेहद गहरी और दूसरी महीन लेकिन बुध पर्वत तक विकशित हो तो यह जातक के जीवन में दो शादियों की सूचना देती है ।।
अगर विवाह रेखा ऊपर की तरफ आती हुई हृदय रेखा से मिले या फिर विवाह रेखा पर तिल हो या क्रॉस का निशान हो तो शादी में बहुत देर एवं अनेकों कठिनाइयां होती हैं । विवाह रेखा स्वास्थ्य रेखा से स्पर्श करे तो भी विवाह नहीं होता है ।।
अगर विवाह रेखा पर एक से अधिक द्वीप हों या काला तिल हो तो यह जीवन भर अविवाहित होने का भय पैदा करता है । अब आप विवाह का समय जानने के लिए अर्थात डेट निकालने के लिए विवाह रेखा की लम्बाई को माप लें ।।
विवाह रेखा की सम्पूर्ण लम्बाई को आप आज के परिपेक्ष्य में 80 वर्ष मान लेवें । अब उसके बाद उसे चार भागों में विभाजित करें । उसके बाद आयु का विभाजन करके आप यह आसानी से जान सकते हैं, कि उम्र के किस पड़ाव में आपकी शादी होगी ।।

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मित्रों, शादी के बिना समाज में स्त्री और पुरुष का रिश्ता मान्य नहीं होता । जीवन में विवाह के बारें में सटीक भविष्यवाणी करनी हो तो हाथों में विवाह की रेखा का गहराई से अध्ययन करना पड़ता हैं ।।
शादी एक ऐसा लड्डू है, कि जिसने खाया वो भी और जिसने न खाया वो भी दोनों ही पछताते हैं । लेकिन सबसे पहला सवाल है, कि कहां होती हैं विवाह रेखा ? विवाह रेखा कनिष्ठिका अर्थात सबसे छोटी ऊंगली के नीचे होती है ।।
हस्तरेखा में जहाँ बुध पर्वत होता है, वहीँ जो आड़ी सी रेखा होती हैं उसे ही विवाह रेखा कहते हैं । यह कई जातकों के हाथों में एक तो कई के हाथों में कई भी होती है । यह अनेकों रेखायें अनेकों संबंधों का प्रतिक माना जाता है ।।
परन्तु एक से अधिक विवाह रेखायें विवाह के लिए वही रेखा मान्य होती है जो सबसे अधिक गहरी और स्पष्ट होती है । बाकि रेखा संबंधों के बिछड़ने या टूटने के संकेत देती है । अर्थात प्रेम संबंधों के विषय में ऐसी रेखाओं का मतलब है, अनेकों प्रेम सम्बन्ध हो सकते हैं ।।

अधिक विवाह रेखाएं तलाक, विवाहोत्तर संबंध, बेवफा रिश्तों आदि की संकेतक होती है । अगर दो विवाह रेखाएं हैं और एक स्पष्ट बेहद गहरी और दूसरी महीन लेकिन बुध पर्वत तक विकशित हो तो यह जातक के जीवन में दो शादियों की सूचना देती है ।।
अगर विवाह रेखा ऊपर की तरफ आती हुई हृदय रेखा से मिले या फिर विवाह रेखा पर तिल हो या क्रॉस का निशान हो तो शादी में बहुत देर एवं अनेकों कठिनाइयां होती हैं । विवाह रेखा स्वास्थ्य रेखा से स्पर्श करे तो भी विवाह नहीं होता है ।।
अगर विवाह रेखा पर एक से अधिक द्वीप हों या काला तिल हो तो यह जीवन भर अविवाहित होने का भय पैदा करता है । अब आप विवाह का समय जानने के लिए अर्थात डेट निकालने के लिए विवाह रेखा की लम्बाई को माप लें ।।
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