Header Ads Widget

अथ श्रीमद्दक्षिण कालिका कवचम् ।।

अथ श्रीमद्दक्षिण कालिका कवचम् ।। Shri Kalika Kavacham.


भैरव उवाच -

कालिका या महाविद्या कथिता भुवि दुर्लभा ।
तथापि हृदये शल्यमस्ति देवि कृपां कुरु ॥१॥

कवचन्तु महादेवि कथयस्वानुकम्पया ।
यदि नो कथ्यते मातर्व्विमुञ्चामि तदा तनुं ॥२॥

श्रीदेव्युवाच -

शङ्कापि जायते वत्स तव स्नेहात् प्रकाशितं ।
न वक्तव्यं न द्रष्टव्यमतिगुह्यतरं महत् ॥३॥

कालिका जगतां माता शोकदुःखविनाशिनी ।
विशेषतः कलियुगे महापातकहारिणी ॥४॥

काली मे पुरतः पातु पृष्ठतश्च कपालिनी ।
कुल्ला मे दक्षिणे पातु कुरुकुल्ला तथोत्तरे ॥५॥

विरोधिनी शिरः पातु विप्रचित्ता तु चक्षुषी ।
उग्रा मे नासिकां पातु कर्णौ चोग्रप्रभा मता ॥६॥

वदनं पातु मे दीप्ता नीला च चिबुकं सदा ।
घना ग्रीवां सदा पातु बलाका बाहुयुग्मकं ॥७॥

मात्रा पातु करद्वन्द्वं वक्षोमुद्रा सदावतु ।
मिता पातु स्तनद्वन्द्वं योनिमण्डलदेवता ॥८॥

ब्राह्मी मे जठरं पातु नाभिं नारायणी तथा ।
ऊरु माहेश्वरी नित्यं चामुण्डा पातु लिङ्गकं ॥९॥

कौमारी च कटीं पातु तथैव जानुयुग्मकं ।
अपराजिता च पादौ मे वाराही पातु चाङ्गुलीन् ॥१०॥

सन्धिस्थानं नारसिंही पत्रस्था देवतावतु ।
रक्षाहीनन्तु यत्स्थानं वर्जितं कवचेन तु ॥११॥

तत्सर्वं रक्ष मे देवि कालिके घोरदक्षिणे ।
ऊर्द्धमधस्तथा दिक्षु पातु देवी स्वयं वपुः ॥१२॥

हिंस्रेभ्यः सर्वदा पातु साधकञ्च जलाधिकात् ।
दक्षिणाकालिका देवी व्यपकत्वे सदावतु ॥१३॥

इदं कवचमज्ञात्वा यो जपेद्देवदक्षिणां ।
न पूजाफलमाप्नोति विघ्नस्तस्य पदे पदे ॥१४॥

कवचेनावृतो नित्यं यत्र तत्रैव गच्छति ।
तत्र तत्राभयं तस्य न क्षोभं विद्यते क्वचित् ॥१५॥

।। इति कालीकुलसर्वस्वे कालीकवचं अथवा श्रीमद्दक्षिणकालिकाकवचम् समाप्तम् ।।

ज्योतिष के सभी पहलू पर विस्तृत समझाकर बताया गया बहुत सा हमारा विडियो हमारे  YouTube के चैनल पर देखें । इस लिंक पर क्लिक करके हमारे सभी विडियोज को देख सकते हैं - Click Here & Watch My YouTube Channel.

इस तरह की अन्य बहुत सारी जानकारियों, ज्योतिष के बहुत से लेख, टिप्स & ट्रिक्स पढने के लिये हमारे ब्लॉग एवं वेबसाइट पर जायें तथा हमारे फेसबुक पेज को अवश्य लाइक करें, प्लीज - My facebook Page.

वास्तु विजिटिंग के लिये तथा अपनी कुण्डली दिखाकर उचित सलाह लेने एवं अपनी कुण्डली बनवाने अथवा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिए संपर्क करें ।।

किसी भी तरह के पूजा-पाठ, विधी-विधान, ग्रह दोष शान्ति आदि के लिए तथा बड़े से बड़े अनुष्ठान हेतु योग्य एवं विद्वान् ब्राह्मण हमारे यहाँ उपलब्ध हैं ।।

संपर्क करें:- बालाजी ज्योतिष केन्द्र, गायत्री मंदिर के बाजु में, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा ।।

WhatsAap & Call: +91 - 8690 522 111.
E-Mail :: astroclassess@gmail.com

Post a Comment

0 Comments